दिल्ली के जहांगीरपुरी में चौदह वर्षीय मंजीत पर जानलेवा हमला, ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ बोलने से इनकार करने पर ब्लेड से चेहरा चीरा

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र जहांगीरपुरी से एक चौंकाने वाला और गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक नाबालिग हिन्दू बालक पर सांप्रदायिक दुर्भावना के तहत जानलेवा हमला किया गया। बताया जा रहा है कि 14 वर्षीय मंजीत पर दो युवकों ने उस समय हमला कर दिया, जब वह गली में अकेला बैठा था।

घटना में शामिल आरोपियों की पहचान रेहान और आबिद के रूप में हुई है, जो जहांगीरपुरी इलाके के ही निवासी बताए जा रहे हैं। पीड़ित बालक मंजीत ने पुलिस को बताया कि दोनों आरोपियों ने उसे घेर कर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ बोलने के लिए मजबूर किया। जब मंजीत ने ऐसा कहने से इनकार किया, तो उन्होंने पहले उसके साथ मारपीट की और फिर ब्लेड से उसका चेहरा चीरा, जिससे उसके चेहरे पर गहरे घाव आए हैं।

हमले के बाद लूट और फरार

हमलावरों ने हिंसा के बाद मंजीत के पास से रुपये छीन लिए और मौके से फरार हो गए। परिजन मंजीत को गंभीर हालत में पास के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसका इलाज चल रहा है। इस घटना से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है और इलाका सांप्रदायिक तनाव की स्थिति में पहुंच गया है।

स्थानीय पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, आरोपियों की तलाश जारी

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। धारा 307 (हत्या का प्रयास), 295A (धार्मिक भावनाएं भड़काना), 323 (मारपीट), 392 (लूट) आदि के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।

राजनीतिक और सामाजिक संगठनों में रोष

इस जहांगीरपुरी हमले को लेकर हिन्दू संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लोगों ने दिल्ली पुलिस से तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, कुछ संगठनों ने इस हमले को देश विरोधी मानसिकता का परिणाम बताया और कहा कि बच्चों को इस प्रकार कट्टरता का निशाना बनाना अत्यंत निंदनीय और चिंताजनक है।

क्या कहता है यह मामला?

यह घटना न केवल एक नाबालिग पर हिंसक हमला है, बल्कि इसके पीछे सांप्रदायिक उकसावे और देश विरोधी नारेबाज़ी को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं, वे राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक समरसता के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं।

दिल्ली जैसे महानगर में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ बोलने का दबाव डालना और मना करने पर जानलेवा हमला करना, यह दर्शाता है कि समाज में कुछ कट्टरपंथी तत्व किशोरों तक को निशाना बना रहे हैं।

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