खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत: योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और तकनीक को प्राथमिकता, दो वर्षों में सुदृढ़ हुई सार्वजनिक वितरण प्रणाली

Bhopal । मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), उपभोक्ता संरक्षण और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में बीते दो वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में विभाग ने योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, तकनीक आधारित निगरानी और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। राजधानी भोपाल में विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियों पर आयोजित पत्रकार वार्ता में मंत्री ने यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से 5.25 करोड़ हितग्राही लाभान्वित
खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत प्रदेश के 5 करोड़ 25 लाख से अधिक हितग्राहियों को लगभग 22,800 करोड़ रुपये मूल्य का नि:शुल्क खाद्यान्न वितरित किया गया। राशन वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए मुख्यमंत्री अन्न सेवा जागरूकता कार्यक्रम लागू किया गया है, जिसके तहत हितग्राहियों को एसएमएस के माध्यम से राशन आगमन और वितरण की सूचना दी जा रही है। साथ ही 26 जनवरी और 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं में पात्र हितग्राहियों की सूची का वाचन किया जा रहा है।
ई-केवाईसी में 93 प्रतिशत प्रगति
विभाग द्वारा ई-केवाईसी प्रक्रिया में उल्लेखनीय सफलता मिली है। अब तक 4 करोड़ 97 लाख हितग्राहियों का ई-केवाईसी पूर्ण किया जा चुका है, जो कुल का लगभग 93 प्रतिशत है। बायोमेट्रिक के साथ-साथ फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा भी दी गई है। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों, 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धों और दिव्यांगजनों सहित लगभग 15 लाख हितग्राहियों को ई-केवाईसी से छूट दी गई है। साथ ही 14 लाख नए पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी की गई।
वन नेशन–वन राशन कार्ड और ‘आपका राशन आपके द्वार’
वन नेशन–वन राशन कार्ड योजना के तहत प्रतिमाह औसतन 39 हजार परिवार अन्य राज्यों में और 6 हजार परिवार अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश में नि:शुल्क राशन प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा 16 लाख परिवार अंतर-जिला पोर्टेबिलिटी का लाभ ले रहे हैं। जनजातीय और दूरस्थ 89 गांवों में ‘आपका राशन आपके द्वार’ योजना से घर-घर राशन पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री अन्नदूत योजना में वाहनों में जीपीएस लगाकर कंट्रोल कमांड सेंटर से निगरानी की जा रही है।
एलपीजी आपूर्ति, किसान हित और वेयरहाउसिंग में सुधार
उज्ज्वला और गैर-उज्ज्वला योजनाओं के तहत प्रदेश में 6 करोड़ 17 लाख गैस रिफिल कराई गईं, जिसमें 911 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया। वेयरहाउसिंग व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तीन मोबाइल ऐप विकसित किए गए हैं। समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान खरीदी के तहत 28 लाख किसानों से 51 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। गेहूं पर 2600 रुपये प्रति क्विंटल (175 रुपये बोनस सहित) भुगतान किया गया।
49 करोड़ से अधिक का राजस्व और उपभोक्ता संरक्षण
नाप-तौल विभाग द्वारा सत्यापन एवं निरीक्षण से 49 करोड़ 14 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया गया। अनियमितताओं पर 11,700 प्रकरण दर्ज कर 4.50 करोड़ रुपये की दंड राशि वसूली गई। उपभोक्ता आयोगों के कंप्यूटरीकरण से दो वर्षों में 3.07 लाख से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया।
राशन दुकानें बनेंगी ‘मुख्यमंत्री पोषण मार्ट’, सिंहस्थ 2028 की तैयारी
आगामी अवधि में राशन दुकानों को मुख्यमंत्री पोषण मार्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। सिंहस्थ 2028 के लिए मेला क्षेत्र को जोन और सेक्टर में बांटकर राशन और एलपीजी आपूर्ति की विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। मेला क्षेत्र में अस्थायी राशन कार्ड, सीसीटीवी निगरानी, सेक्टरवार एलपीजी काउंटर और ईंधन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अनुसार, पारदर्शिता, तकनीक और जनहित पर केंद्रित नीतियों से मध्यप्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होने की ओर बढ़ रही है।



