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डीजीपी कैलाश मकवाणा को प्रथम हार्टफुलनेस चेंज मेकर अवार्ड

मानसिक स्वास्थ्य और ध्यान आधारित पुलिसिंग की नई दिशा

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस में मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन और संवेदनशील पुलिसिंग को सशक्त बनाने की दिशा में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के लिए पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा को हार्टफुलनेस संस्था द्वारा प्रथम ‘हार्टफुलनेस चेंज मेकर अवार्ड’ से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। यह घोषणा हैदराबाद स्थित कान्हा शांतिवनम में आयोजित भव्य समारोह में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति की गरिमामयी उपस्थिति में की गई।

सशक्त पुलिस बल की नींव: संतुलित और स्वस्थ मन

डीजीपी कैलाश मकवाणा का मानना है कि एक प्रभावी और उत्तरदायी पुलिस बल का आधार मानसिक संतुलन और आंतरिक स्थिरता है। उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश पुलिस ने जहां दशकों पुरानी नक्सल समस्या के उन्मूलन की दिशा में ऐतिहासिक सफलता हासिल की, वहीं ‘नशे से दूरी है जरूरी’ जैसे सामाजिक अभियानों को जन-आंदोलन का रूप दिया।
इन अभियानों के लिए मध्यप्रदेश पुलिस को पूर्व में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।

हार्टफुलनेस मेडिटेशन से पुलिसिंग में सकारात्मक बदलाव

पुलिसकर्मियों पर बढ़ते कार्यदबाव, तनावपूर्ण परिस्थितियों और मानसिक दबाव को देखते हुए वर्ष 2022 से मध्यप्रदेश पुलिस में हार्टफुलनेस मेडिटेशन को अपनाया गया।
इस पहल को और मजबूत करने के लिए फरवरी 2025 में हार्टफुलनेस संस्था के साथ एमओयू भी किया गया, जिससे ध्यान आधारित प्रशिक्षण को संस्थागत स्वरूप मिला।

बेहतर निर्णय क्षमता और संवेदनशील पुलिसिंग

डीजीपी श्री मकवाणा ने कहा कि चुनौतीपूर्ण पुलिस सेवा में इमोशनल इंटेलिजेंस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शांत जल में गहराई तक सब कुछ स्पष्ट दिखाई देता है, उसी प्रकार स्थिर और संतुलित मन ही सही और समयबद्ध निर्णय लेने में सक्षम होता है।

धरातल पर दिख रहे हैं सकारात्मक परिणाम

इस पहल के परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं, प्रदेशभर में लगभग 800 हार्टफुलनेस प्रशिक्षक सक्रिय, पुलिस विभाग द्वारा इन-हाउस प्रशिक्षक भी तैयार किए जा रहे हैं। पुलिसकर्मियों की कार्यक्षमता और व्यवहार में सुधार, समाज में पुलिस की छवि अधिक संवेदनशील और सकारात्मक यह तकनीक न केवल पुलिसकर्मियों, बल्कि उनके परिवारों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी सिद्ध हो रही है।

राष्ट्रीय मॉडल बनने की ओर पहल

मानसिक शांति, अनुशासन और संवेदनशीलता पर आधारित यह प्रयोग संभवतः देश में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जिसमें किसी राज्य पुलिस बल ने इतने बड़े स्तर पर ध्यान को संस्थागत रूप से अपनाया है। विशेषज्ञों के अनुसार यह पहल भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर मॉडल के रूप में उभर सकती है।

प्रशिक्षण संस्थानों में नियमित मेडिटेशन

आईजी प्रशासन श्री रुचिवर्धन मिश्रा ने बताया कि योग और ध्यान के माध्यम से पुलिस बल के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुलन को सशक्त करना इस पहल का मुख्य उद्देश्य है। वर्तमान में प्रदेश के सभी पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में नवआरक्षकों को नियमित मेडिटेशन कराया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कार्य के प्रति सकारात्मक अभिवृत्ति सामान्य तनाव स्तर में कमी
देखी जा रही है।

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