पत्नी द्वारा पति पर झूठी FIR दर्ज करना क्रूरता, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया अहम फैसला
*प्रयागराज:* इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यदि पत्नी अपने पति और उसके परिवार के खिलाफ झूठा आपराधिक मुकदमा दर्ज कराती है, तो इसे हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 के तहत क्रूरता माना जाएगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे झूठे आरोपों के चलते पति और उसके परिवार की सुरक्षा को लेकर मानसिक तनाव और उचित आशंका उत्पन्न हो सकती है।
हाईकोर्ट ने कहा कि यदि वैवाहिक जीवन के दौरान पति को मानसिक और भावनात्मक तनाव का सामना करना पड़ता है, तो यह उसके जीवन में गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकता है। यह न केवल पति के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है।
अदालत ने संबंधित पक्षों को सलाह दी कि वैवाहिक विवादों को सुलझाने के लिए संवाद और समझ का सहारा लिया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह के झूठे मुकदमों से बचा जा सके और वैवाहिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
इस फैसले को वैवाहिक संबंधों में न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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