बीएलओ ड्यूटी में कर्मचारियों का शोषण बढ़ा, मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने निर्वाचन आयोग को भेजा पत्र

भोपाल। मध्यप्रदेश में बीएलओ (BLO) और बीएसओ (BSO) ड्यूटी में लगे कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव और अनैतिक कार्यभार थोपे जाने के आरोप लगातार बढ़ रहे हैं। कर्मचारियों पर एसआईआर पत्रक जल्दी भरने और तुरंत जमा कराने का दबाव इतना बढ़ गया है कि कई कर्मचारी मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं। इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।

ड्यूटी के दबाव में पांच कर्मचारियों की आत्महत्या, दर्जनों अस्पताल में भर्ती

कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि बीएलओ ड्यूटी के अत्यधिक दबाव के कारण अब तक 5 कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं।दर्जनों कर्मचारी मानसिक तनाव और थकावट के चलते अस्पताल में भर्ती हुए हैं। कई परिवारों पर आर्थिक और सामाजिक संकट गहरा गया है।


अशोक पांडे के अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जल्द से जल्द SIR पत्रक भरवाने के नाम पर छोटे कर्मचारियों, दैनिक वेतनभोगियों और स्थाई कर्मियों पर अनाधिकृत दबाव बनाया जा रहा है, जो पूरी तरह अमानवीय और अवैधानिक है।

मानव अधिकारों का हनन , कर्मचारी मंच का आरोप

कर्मचारी मंच ने आरोप लगाया है कि कर्मचारियों से अत्यधिक घंटे काम कराया जा रहा है। अवकाश के दिनों में भी ड्यूटी कराई जा रही है। पहले की तरह सामान्य प्रक्रिया से काम पूरा करने देने के बजाय जल्दबाज़ी में दबाव डाला जा रहा है, जिससे कर्मचारियों का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है।नमंच ने कहा कि यह स्थिति मानव अधिकारों के हनन जैसी है।

निर्वाचन आयोग से मुआवजा और राहत देने की मांग

कर्मचारी मंच ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मांग की है कि मृत कर्मचारियों के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। बीएलओ कर्मचारियों पर हो रहे शोषण को तुरंत रोका जाए। ड्यूटी के घंटे सामान्य किए जाएँ और कर्मचारियों से सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया जाए। मंच ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही राहत नहीं मिली तो कर्मचारी मंच आंदोलन शुरू करेगा और निर्वाचन आयोग का ध्यान आकर्षित करने के लिए राज्यव्यापी प्रदर्शन करेगा।

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