एम्स भोपाल में नवजात शिशु की जटिल मस्तिष्क एमआरआई प्रक्रिया सफल, चिकित्सकीय टीम की संवेदनशीलता और तकनीकी दक्षता का प्रमाण

भोपाल । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भोपाल ने एक बार फिर अपनी चिकित्सकीय उत्कृष्टता और तकनीकी दक्षता का परिचय देते हुए एक नवजात शिशु की जटिल एमआरआई प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न किया। कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में यह उपलब्धि एम्स भोपाल की समर्पित टीम द्वारा एक अत्यंत संवेदनशील स्थिति में हासिल की गई।
मस्तिष्क संबंधी जटिलता की आशंका पर हुआ रेफर
चिकित्सीय सूत्रों के अनुसार, जन्म के कुछ ही समय बाद नवजात शिशु में मस्तिष्क संबंधी समस्या की आशंका जाहिर की गई, जिसके कारण उसे एम्स भोपाल रेफर किया गया। भर्ती के पश्चात की गई प्रारंभिक जांचों से कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकला, जिससे डॉक्टरों ने गहन परीक्षण के तौर पर एमआरआई (MRI) कराने का निर्णय लिया।
नवजात शिशु के लिए चुनौतीपूर्ण रहा एमआरआई वातावरण
एमआरआई मशीन का तेज शोर, चुंबकीय तरंगें और बंद वातावरण नवजात शिशुओं के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण होते हैं। शिशु की नाजुक अवस्था को देखते हुए एम्स भोपाल की अनुभवी मेडिकल टीम ने विशेष सावधानी बरतते हुए एमआरआई तिथि शीघ्र निर्धारित की और लगभग 45 मिनट तक निरंतर निगरानी में यह प्रक्रिया संपन्न की। चिकित्सा टीम ने यह सुनिश्चित किया कि शिशु की हृदय गति, श्वसन और तापमान जैसे सभी मापदंड पूरी तरह सामान्य बने रहें।
तकनीकी संसाधनों का न्यायसंगत उपयोग
एम्स भोपाल में आमतौर पर नवजातों में मस्तिष्क की जांच अल्ट्रासाउंड से की जाती है, लेकिन जटिल मामलों में एमआरआई की आवश्यकता पड़ती है। इस विशेष मामले में एमआरआई से स्पष्ट निदान में सहायता मिली। संस्थान ने यह सुनिश्चित किया कि सभी आवश्यक संसाधन समय पर और न्यायसंगत रूप से उपलब्ध कराए जाएं, जिससे नवजात को सर्वोत्तम देखभाल मिल सके।
चिकित्सकीय सेवा का आदर्श उदाहरण
इस अवसर पर एम्स भोपाल के निदेशक प्रो. अजय सिंह ने कहा कि “एम्स भोपाल प्रत्येक रोगी, चाहे वह नवजात हो या वृद्ध, सभी को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सफल एमआरआई प्रक्रिया हमारे चिकित्सकों की तकनीकी दक्षता, टीमवर्क और मानवीय संवेदनशीलता का परिचायक है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि एम्स भोपाल केवल एक चिकित्सा संस्थान नहीं, बल्कि एक मानवीय संवेदना से जुड़ा स्वास्थ्य केंद्र है, जहाँ तकनीक और करुणा एक साथ कार्य करती हैं।





