जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए जवान सूरज यादव के शव को फ्रीजर तक नहीं दे सका इटावा प्रशासन, लोगों में गुस्सा

इटावा/जम्मू-कश्मीर – ताजा खबर:
देश की रक्षा करते हुए जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए जवान सूरज यादव के साथ उनके अपने ही जिले में घोर लापरवाही सामने आई है। इटावा प्रशासन शहीद के पार्थिव शरीर को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीजर की व्यवस्था तक नहीं कर पाया। यह घटना न सिर्फ प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि क्या शहीदों का सम्मान अब सिर्फ भाषणों और पोस्टरों तक सीमित रह गया है?

शहीद सूरज यादव: देश की खातिर बलिदान
सूरज यादव ने देश की सुरक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए। जम्मू-कश्मीर में हुए एक आतंकी हमले में वे वीरगति को प्राप्त हुए। उनका पार्थिव शरीर जब पैतृक गांव लाया गया, तो लोगों को उम्मीद थी कि प्रशासन शहीद का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करवाएगा। लेकिन फ्रीजर न होने की वजह से शव को रखने में परेशानी हुई, जिससे परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया।

स्थानीय लोगों ने जताई नाराजगी
गांव वालों ने इटावा प्रशासन पर शर्मनाक लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है, “जो जवान देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ, उसके शव को भी सम्मान नहीं मिल रहा। क्या यही है हमारे देश में शहीदों का सम्मान?”

प्रशासन की चुप्पी और संवेदनहीनता पर सवाल
अब तक जिला प्रशासन या संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। प्रशासन की चुप्पी ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है। सोशल मीडिया पर भी #ShahidSurajYadav, #EtawahAdministrationFailure जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।




निष्कर्ष:
शहीद सूरज यादव जैसे वीर जवानों का सम्मान करना हर नागरिक और प्रशासन की जिम्मेदारी है। लेकिन इटावा में जो लापरवाही सामने आई है, वह न केवल शर्मनाक है बल्कि यह भी दर्शाता है कि देश की सुरक्षा में लगे जवानों के बलिदान का हम क्या मूल्य समझते हैं। सरकार और प्रशासन को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में किसी शहीद परिवार को इस तरह की अपमानजनक स्थिति का सामना न करना पड़े।

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