
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस को नक्सल विरोधी अभियानों में लगातार उल्लेखनीय सफलता मिल रही है। हाल ही में एम.एम.सी. (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन के जीआरबी (गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट) डिवीजन में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचा है। यह मुठभेड़ 3-4 नवंबर 2025 की रात को थाना रुपझर, जिला बालाघाट के घने जंगलों में हुई। गुप्त सूचना मिलने पर हॉकफोर्स, सीआरपीएफ, कोबरा और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने सर्च अभियान शुरू किया। पुलिस की मौजूदगी का आभास होते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिस पर सुरक्षा बलों ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की। कुछ समय तक चली मुठभेड़ के बाद नक्सली जंगल की ओर भाग निकले।
घटनास्थल से एक नक्सली रायफल, पिट्टू बैग, टेंट सामग्री, इंजेक्शन, मेडिसिन, खून से सने जूते और कई जरूरी उपकरण बरामद किए गए। बरामद वस्तुओं से संकेत मिला कि नक्सली लंबे समय से जंगल में सक्रिय थे और वहीं अस्थायी ठिकाने बनाकर रह रहे थे। पुलिस ने पूरे क्षेत्र में उच्च सतर्कता के निर्देश दिए हैं और फरार नक्सलियों की तलाश जारी है। इस बीच 1 नवंबर 2025 को महिला नक्सली सुनीता (निवासी गोमवेटा, जिला बीजापुर, छत्तीसगढ़) ने थाना लांजी, बालाघाट में आत्मसमर्पण किया। सुनीता पर 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था और वह मलाजखंड-दर्रेकसा दलम में सक्रिय थी। उसने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं और संविधान पर विश्वास जताते हुए अपने हथियार – इंसास राइफल, 3 मैगज़ीन और 30 जिंदा राउंड के साथ आत्मसमर्पण किया।



