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भोपाल में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान 2025’ के तहत जल संरक्षण की दिशा में प्रभावी कदम, नदी सफाई और जनजागरूकता गतिविधियां जारी

भोपाल, मध्यप्रदेश।  जल संरक्षण और स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भोपाल जिले में चल रहा ‘जल गंगा संवर्धन अभियान 2025’ लगातार जनसहयोग और सामुदायिक भागीदारी के साथ प्रभावी रूप से आगे बढ़ रहा है। इस अभियान के अंतर्गत भोपाल नगर निगम द्वारा कलिया सोत नदी की सफाई का कार्य किया जा रहा है, जिसमें कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों की भागीदारी सराहनीय रही है।

नदी सफाई और प्लास्टिक मुक्त अभियान में नागरिकों की भागीदारी

नगर निगम भोपाल के इस नदी सफाई अभियान में समाजसेवी संगठनों ने प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण के लिए निरंतर श्रमदान करते हुए जागरूकता की मिसाल पेश की है। यह अभियान न केवल जल स्रोतों को स्वच्छ बनाए रखने का प्रयास है, बल्कि नागरिकों में जल संरक्षण के प्रति चेतना जागृत करने का माध्यम भी बन रहा है।

जन अभियान परिषद और युवा नेतृत्व की सक्रिय सहभागिता

जन अभियान परिषद, भोपाल के अंतर्गत मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम से जुड़े छात्र भी अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 66, नरेला शंकरी में श्री सुजीत धौलपुरिया, श्री संजय धौलपुरिया, श्री गौरव धौलपुरिया, श्री रोहित धौलपुरिया, श्री अमित धौलपुरिया, श्री अंश खरे और श्री संदीप भारती ने श्रमदान कर जल संरक्षण का प्रेरणादायक संदेश दिया।

श्याम नगर वार्ड में रचनात्मक गतिविधियों से फैला जल जागरूकता का संदेश

श्याम नगर वार्ड क्रमांक 47 में स्थानीय बच्चों, स्कूल शिक्षकों, किशोर-किशोरी समूहों और नागरिकों के साथ मिलकर जल संरक्षण को लेकर पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन और ड्राइंग प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इन रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से स्कूली बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की भावना को प्रोत्साहित किया गया, साथ ही समाज में जल संसाधनों की महत्ता को रेखांकित किया गया।

‘जल गंगा अभियान’ – एक व्यापक जन आंदोलन की ओर

जल गंगा संवर्धन अभियान केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि यह सामूहिक जनआंदोलन का रूप ले चुका है, जिसमें जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, प्लास्टिक उन्मूलन, और नदी पुनर्जीवन जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्य शामिल हैं। भोपाल जैसे शहरी क्षेत्रों में जल स्रोतों की रक्षा और पुनर्जीवन के लिए यह अभियान स्थायी जल प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बनकर उभर रहा है।

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