भोपाल मंडल में रेल सुरक्षा और समयपालन को मजबूती
भोपाल। सर्दियों में उत्तरी भारत में छाए घने कोहरे के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में रेलवे नेटवर्क प्रमुख है, जहाँ दृश्यता घटने से ट्रेन संचालन की गति और सुरक्षा दोनों पर प्रभाव पड़ता है। इसी चुनौती का समाधान करते हुए पश्चिम-मध्य रेलवे के भोपाल मंडल में कुल 341 फॉग सेफ डिवाइस (FSD) का उपयोग किया जा रहा है, जो कोहरे में भी ट्रेनों के सुचारू, सुरक्षित और समयबद्ध संचालन को सुनिश्चित कर रहे हैं। मंडल की सभी यात्री एवं मालगाड़ियों में FSD का शत-प्रतिशत उपयोग किया जा रहा है।
क्या है फॉग सेफ डिवाइस?
फॉग सेफ डिवाइस एक GPS आधारित नेविगेशन उपकरण है, जिसे विशेष रूप से लोको पायलटों को कम दृश्यता वाली परिस्थितियों में सुरक्षित संचालन हेतु विकसित किया गया है। यह डिवाइस ट्रेन के भीतर ही वास्तविक समय में निम्न जानकारियाँ प्रदान करता है, आगामी सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट (मानवयुक्त/मानवरहित), स्थायी गति प्रतिबंध, तटस्थ खंड और अन्य महत्वपूर्ण स्थायी लोकेशन यह जानकारी न केवल स्क्रीन पर दिखाई देती है, बल्कि ध्वनि संदेश के माध्यम से भी मिलती है, जिससे लोको पायलट को 500 मीटर पहले ही सतर्कता संकेत मिल जाता है।
कैसे बढ़ रही है सुरक्षा और समयपालन?
कोहरे के दौरान सबसे बड़ी चुनौती सिग्नल एवं ट्रैक-संबंधी जानकारियों का समय पर न मिल पाना होता है। FSD ट्रेन की गति, दिशा और लोकेशन के अनुरूप ऑन-बोर्ड अलर्ट देता है।इससे लोको पायलट को आगे आने वाले तीन महत्वपूर्ण स्थलों की श्रेणीवार जानकारी 500 मीटर पहले ही उपलब्ध हो जाती है। नतीजतन, ट्रेन संचालन अधिक सुरक्षित, समय पर, और नियंत्रित गति में होता है।
भोपाल मंडल की तैयारी
कोहरे के मौसम में परिचालन क्षमता को मजबूत बनाने के लिए मंडल के सभी इंजन पर FSD उपलब्ध, सभी यात्रियों और मालगाड़ियों में इसका अनिवार्य उपयोग, रात्रिकालीन फॉग रन के लिए विशेष मॉनिटरिंग, लोको पायलटों के प्रशिक्षण और डिवाइस की नियमित जांच की व्यवस्था की गई ह FSD का व्यापक उपयोग न केवल कोहरे के दौरान ट्रेनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि यह रेलवे की यात्री सुरक्षा, विश्वसनीयता और समयपालन को भी मजबूत बना रहा है। भोपाल मंडल द्वारा लागू की गई यह पहल आधुनिक तकनीक के माध्यम से सुरक्षित रेल परिचालन का उत्कृष्ट उदाहरण है।
कोहरे के दौरान 341 फॉग सेफ डिवाइस से हो रहा शत-प्रतिशत ट्रेन संचालन
