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भोपाल में पुलिस और नर्सिंग छात्राओं के बीच विवाद, कैंडल मार्च रोका गया

भोपाल। राजधानी में बीएमएचआरसी (Bhopal Memorial Hospital and Research Centre) की नर्सिंग छात्रा शुभांगिनी दशहरे की मृत्यु को लेकर छात्र-छात्राओं और पुलिस प्रशासन के बीच विवाद खड़ा हो गया। एनएसयूआई (NSUI) और नर्सिंग छात्रों ने मृतक छात्रा को श्रद्धांजलि देने और न्याय की मांग के लिए कैंडल मार्च आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें मार्च करने से रोक दिया।

कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने बताया कि शुभांगिनी दशहरे, बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की छात्रा, की मृत्यु प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुई है। इस घटना के बाद छात्र-छात्राएं और एनएसयूआई कार्यकर्ता शाम 6 बजे बीएमएचआरसी कैंपस में प्रशासनिक भवन से मुख्य प्रवेश द्वार तक कैंडल मार्च निकालना चाहते थे। उनका उद्देश्य दिवंगत आत्मा की शांति और न्याय की मांग को सामने लाना था।

लेकिन जैसे ही छात्र-छात्राएं कैंडल लेकर तैयार हुए, पुलिस प्रशासन ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इससे मौके पर तनाव की स्थिति बन गई। छात्राओं का आरोप है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से चलने वाले मार्च को रोककर उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन किया है। वहीं, पुलिस का कहना है कि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया।

यह मामला अब राजनीति से भी जुड़ता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस और एनएसयूआई ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि छात्रा की मौत की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। दूसरी ओर, छात्र-छात्राओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं सुनी गईं तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

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