State

डीजीपी-11 बनी चैलेंजर ट्रॉफी विजेता, 121 रनों से जिला पुलिस बल भोपाल को हराया

18वीं चैलेंजर ट्रॉफी क्रिकेट प्रतियोगिता में डीजीपी-11 का दबदबा, दिशांत खरे बने मैन ऑफ द मैच

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस के खेल कौशल और अनुशासन का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करते हुए डीजीपी-11 टीम ने 18वीं चैलेंजर ट्रॉफी क्रिकेट प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम कर लिया है। महेश्वर खेल-कूद शिक्षण एवं सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला 23 दिसंबर 2025 को नेहरू नगर पुलिस लाइन, भोपाल में खेला गया, जिसमें डीजीपी-11 ने जिला पुलिस बल भोपाल को 121 रनों से करारी शिकस्त दी।

पहले बल्लेबाजी करते हुए डीजीपी-11 ने बनाया विशाल स्कोर

फाइनल मैच में डीजीपी-11 ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया और निर्धारित 20 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 218 रन बनाए। टीम के लिए दिशांत खरे ने शानदार 89 रनों की आतिशी पारी खेली, जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया।
इसके अलावा गौरव सिंह भदौरिया (58 रन) और प्रज्ञा बालरे (39 रन) ने भी अहम योगदान देकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुँचाया।
जिला पुलिस बल भोपाल की ओर से विशाल कहर ने 3 विकेट और सुशील ने 2 विकेट झटके।

लक्ष्य का पीछा करते हुए जिला पुलिस बल भोपाल ढेर

219 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी जिला पुलिस बल भोपाल की टीम डीजीपी-11 की धारदार गेंदबाजी के सामने टिक नहीं सकी और पूरी टीम 97 रनों पर सिमट गई।
टीम की ओर से ए. पठान ने 42 रन बनाकर संघर्ष किया।
डीजीपी-11 की गेंदबाजी में राहुल रावत (4 विकेट), नरेंद्र रैकवार (3 विकेट) और अरुण (1 विकेट) ने जीत में निर्णायक भूमिका निभाई।

प्रतियोगिता के प्रमुख पुरस्कार

मैन ऑफ द मैच: दिशांत खरे (डीजीपी-11)

बेस्ट बॉलर: विशाल सिंह भदौरिया (डीजीपी-11)

बेस्ट बैटर: गौरव सिंह भदौरिया (डीजीपी-11)

🧤 बेस्ट फील्डर/विकेटकीपर: संदीप सूर्यवंशी (डीजीपी-11)

प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट: विशाल कहर (जिला पुलिस बल भोपाल)


सम्मान समारोह में उमड़ा उत्साह

प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण 25वीं वाहिनी के सेनानी श्री नागेंद्र सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर डीजीपी-11 के मैनेजर एवं बैटिंग कोच श्याम मूर्ति, बॉलिंग कोच मंजीत सिंह, फिटनेस कोच मनोज बड़ोला, आयोजन समिति के पदाधिकारी, खिलाड़ी एवं बड़ी संख्या में खेलप्रेमी उपस्थित रहे।

अनुशासन और फिटनेस का प्रतीक बनी जीत

डीजीपी-11 की यह जीत केवल एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश पुलिस के अनुशासन, प्रशिक्षण, फिटनेस और टीम भावना का प्रतीक है। यह प्रदर्शन दर्शाता है कि पुलिसकर्मी कानून-व्यवस्था के साथ-साथ खेल के मैदान में भी उत्कृष्टता का परचम लहरा रहे हैं।

Related Articles