मनुस्मृति सम्मान कार्यक्रम को लेकर SC–OBC मोर्चा का प्रदर्शन, राजनीतिक बयानबाज़ी तेज

मनुस्मृति के सम्मान को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान SC–OBC मोर्चा द्वारा जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मोर्चा से जुड़े कार्यकर्ताओं और नेताओं ने एक विशेष राजनीतिक विचारधारा के खिलाफ तीखे नारे लगाए और आरोप लगाया कि समाज में जातिगत विद्वेष फैलाने वाली राजनीति के कारण अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग लंबे समय से असुरक्षा का अनुभव कर रहा है। प्रदर्शन के माध्यम से सामाजिक एकजुटता और राजनीतिक विरोध दर्ज कराया गया।

मैदान में उतरा SC–OBC मोर्चा

प्रदर्शन के दौरान SC–OBC मोर्चा के प्रतिनिधियों ने कहा कि मनुस्मृति के सम्मान के बहाने समाज को बांटने वाली राजनीति अब स्वीकार नहीं की जाएगी। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक तत्व जानबूझकर ब्राह्मण, दलित और पिछड़े वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा कर रहे हैं, जिससे सामाजिक ताना-बाना कमजोर हो रहा है।

‘नफरत की राजनीति’ के खिलाफ नारेबाजी

कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने नफरत फैलाने वाली राजनीति के खिलाफ नारे लगाए और कहा कि अब दलित और ओबीसी समाज डर के माहौल में नहीं रहेगा। वक्ताओं का कहना था कि सामाजिक न्याय, समानता और संविधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए समुदाय एकजुट होकर सड़क पर उतरा है।

राजनीतिक आरोप–प्रत्यारोप तेज

प्रदर्शन के दौरान कुछ नेताओं ने विरोधी राजनीतिक चेहरों पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि जातीय विभाजन की राजनीति करने वालों को जनता जवाब देगी। हालांकि आयोजकों ने स्पष्ट किया कि आंदोलन का उद्देश्य हिंसा या टकराव नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज कराना है।

प्रशासन की नजर

कार्यक्रम को देखते हुए प्रशासन सतर्क रहा और मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल तैनात रहा। समाचार लिखे जाने तक स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण बताई गई।

निष्कर्ष

मनुस्मृति सम्मान कार्यक्रम के बहाने हुआ यह प्रदर्शन एक बार फिर दिखाता है कि जाति, विचारधारा और इतिहास को लेकर देश की राजनीति में तनाव बना हुआ है। SC–OBC मोर्चा ने स्पष्ट संदेश दिया है कि सामाजिक सम्मान, सुरक्षा और समानता के मुद्दे पर वह संगठित होकर लोकतांत्रिक संघर्ष जारी रखेगा।


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