State

पेट्रोल और सीएनजी पंप लगाने के नाम पर करोड़ों की ठगी: दिल्ली पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली । पेट्रोल और सीएनजी पंप स्थापित करने के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSCO) टीम ने इस ठगी मॉड्यूल के तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने सीएनजी पंप लगाने के नाम पर एक व्यवसायी से 2.39 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। पुलिस ने आरोपियों के विभिन्न बैंक खातों में जमा 1.79 करोड़ रुपये को फ्रीज कर दिया है। इसके अलावा, उनके घरों से 60 लाख रुपये नगद, फर्जी दस्तावेज़, दो मोबाइल फोन, सिम कार्ड, नकली आईजीएल (इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड) पत्र, एनओसी, चालान, और एरिया ब्लॉकिंग फीस प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज़ भी बरामद किए गए हैं।

धोखाधड़ी का पूरा मामला

डीसीपी (IFSCO) हेमंत कुमार तिवारी के अनुसार, यह मामला 27 मार्च को सामने आया, जब एक व्यवसायी ने शिकायत दर्ज कराई कि कुछ लोगों ने उनके भूखंड पर सीएनजी पंप लगाने का झांसा देकर उनसे 2.39 करोड़ रुपये की ठगी की है। शिकायतकर्ता ने 2021 में ऑनलाइन सीएनजी पंप आवंटन प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की थी, तभी उनसे अमरेंद्र और अमित पांडे नाम के व्यक्तियों ने संपर्क किया। दोनों ने खुद को इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) के एजेंट और समन्वयक बताया और कम से कम औपचारिकताओं के साथ सीएनजी पंप स्थापित करने का झांसा दिया।

कैसे दिया गया धोखा?

आरोपियों ने व्यवसायी से संपर्क करने के बाद फर्जी दस्तावेज़ों जैसे पंजीकरण प्रमाणपत्र, बैंक खाता विवरण, जीएसटी नंबर और चालान तैयार किए। इसके बाद उन्हें आईजीएल के अधिकारियों के रूप में पेश करते हुए उनके साथ विश्वासघात किया। आरोपियों ने शिकायतकर्ता को फर्जी आईजीएल पत्र और अन्य दस्तावेज भेजकर उनसे 2.39 करोड़ रुपये ठग लिए।

पुलिस ने ऐसे पकड़ा धोखाधड़ी मॉड्यूल

शिकायत दर्ज होने के बाद, एसीपी जय प्रकाश के नेतृत्व में एक पुलिस टीम बनाई गई, जिसने मामले की गहनता से जांच शुरू की। सबसे पहले आरोपियों द्वारा दी गई पंजीकरण और आवंटन दस्तावेज़ों की सत्यता की जांच की गई। जब इन्हें आईजीएल से सत्यापित किया गया, तो सभी दस्तावेज़ फर्जी पाए गए। इसके बाद, पुलिस टीम ने आरोपियों के बैंक लेनदेन का पता लगाते हुए उनके बैंक खातों को फ्रीज कर दिया और उन्हें पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया।

स्मार्ट तरीके से छिपा रहे थे पहचान

आरोपी बेहद शातिर तरीके से काम कर रहे थे। अपनी पहचान छुपाने के लिए उन्होंने फर्जी नामों पर सिम कार्ड का उपयोग किया और ईमेल भेजने के लिए नकली ईमेल आईडी बनाई। इसके अलावा, ये लोग खुद को इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड का अधिकारी बताकर कई अन्य व्यवसायियों को भी ठगने की फिराक में थे।

गिरफ्तारी और बरामदगी

पुलिस ने मुख्य आरोपी अमित कुमार पांडे, अमरेंद्र कुमार, और अमर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से बरामद नकदी और फर्जी दस्तावेजों के अलावा, 1.79 करोड़ रुपये को उनके बैंक खातों से फ्रीज कर लिया गया है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह ने कई अन्य लोगों को भी इसी तरह ठगा होगा और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।

ध्यान रखें: पेट्रोल पंप और सीएनजी पंप आवंटन में धोखाधड़ी से बचें

इस घटना के बाद, पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे पेट्रोल और सीएनजी पंप आवंटन जैसी योजनाओं में निवेश करने से पहले पूरी जानकारी और दस्तावेजों की जांच कर लें। किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें और संबंधित कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट और अधिकारियों से ही संपर्क करें।

निष्कर्ष: अगर आप भी पेट्रोल या सीएनजी पंप लगवाने की योजना बना रहे हैं, तो सावधान रहें और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहें। दिल्ली पुलिस इस मामले में अन्य पीड़ितों से भी संपर्क करने की कोशिश कर रही है, ताकि इस गिरोह की पूरी तरह से जड़ें खत्म की जा सकें।





Related Articles