नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू के उस सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के स्टेज IV कैंसर से उबरने के लिए आयुर्वेद, सख्त आहार और कीमोथेरेपी का जिक्र किया था।
क्या था मामला?
सिद्धू ने अपने पोस्ट में दावा किया था कि उनकी पत्नी ने स्टेज IV कैंसर को हराने के लिए कीमोथेरेपी, सख्त आहार और आयुर्वेद का सहारा लिया। इस दावे को लेकर एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि यह पोस्ट भ्रामक है और आयुर्वेद व अन्य चिकित्सा पद्धतियों को लेकर लोगों के बीच गलतफहमी फैला सकता है।
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर व्यक्त की गई व्यक्तिगत राय को सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाला नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि सिद्धू ने अपनी पत्नी के अनुभव को साझा किया है, जो किसी वैज्ञानिक या चिकित्सा दावे के दायरे में नहीं आता।
सिद्धू का बयान
सिद्धू ने अपने पोस्ट में लिखा था कि उनकी पत्नी नवजोत कौर ने न केवल कैंसर का सामना किया, बल्कि आयुर्वेद और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर इसे हराया। उन्होंने इसे जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण और अनुशासन का परिणाम बताया।
जनहित याचिकाओं पर बढ़ रही चर्चा
हाल के दिनों में सेलिब्रिटीज और नेताओं के बयानों को लेकर जनहित याचिकाएं दायर करने का ट्रेंड बढ़ा है। हालांकि, इस मामले में कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि व्यक्तिगत अनुभवों को कानूनी विवाद का आधार नहीं बनाया जा सकता।
दिल्ली हाईकोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू के पोस्ट के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की
