
मृत व्यक्ति के बैंक खाते का भी दुरुपयोग, तीन आरोपी गिरफ्तार
भोपाल/बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने प्रदेश की अब तक की सबसे संगठित साइबर ठगी में से एक का खुलासा किया है। इस गिरोह ने बैंक के सात खाताधारकों को निशाना बनाते हुए कुल 9 करोड़ 84 लाख 95 हजार रुपये की बड़ी साइबर हेराफेरी को अंजाम दिया था। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपियों ने एक मृत व्यक्ति के बैंक खाते का भी दुरुपयोग करके करोड़ों रुपये की ट्रांज़ैक्शन कर डाली।
KYC अपडेट कराने गए मजदूर को मिला करोड़ों के लेन-देन का पता
खेड़ी सावलीगढ़ के मजदूर बिसराम इवने जब अपने जन-धन खाते का KYC अपडेट कराने बैंक पहुंचे, तो उन्हें खाते में करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन की जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। एसपी वीरेंद्र जैन और एएसपी कमला जोशी के निर्देशन में साइबर सेल और कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू की।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि जून 2025 से अब तक सिर्फ बिसराम के खाते से ही 1 करोड़ 50 लाख रुपये अवैध रूप से ट्रांसफर किए गए थे।
मृत व्यक्ति के खाते का भी किया गया इस्तेमाल
जांच में सामने आया कि साइबर गिरोह ने बैंक के ही एक अस्थायी कर्मचारी की मिलीभगत से खातों की गोपनीय जानकारी हासिल की। सबसे बड़ा खुलासा यह रहा कि अपराधियों ने मृत व्यक्ति राजेश बर्डे के खाते का दुरुपयोग किया। गिरोह ने उसका मोबाइल नंबर बदलकर नया ATM कार्ड जारी कराया, इंटरनेट बैंकिंग सक्रिय की और OTP पर पूरा नियंत्रण प्राप्त कर लिया।
इंदौर में दबिश, तीन आरोपी गिरफ्तार – बड़े पैमाने पर सामग्री जब्त
तकनीकी विश्लेषण, खातों की ट्रैकिंग और डिजिटल फॉरेंसिक के आधार पर पुलिस ने इंदौर के दो स्थानों पर दबिश दी और राजा उर्फ आयुष चौहान, अंकित राजपूत, तथा नरेंद्र सिंह राजपूत को गिरफ्तार किया। आरोपियों
15 मोबाइल फोन (25 सिम सहित), 21 ATM कार्ड, 11 बैंक पासबुक, 7 चेकबुक, 2 POS मशीन, 2 लैपटॉप, 69 ATM जमा रसीदें, 28,000 रुपए नकद (काले बैग में), रजिस्टर व डायरी (रिकॉर्ड) अन्य डिजिटल उपकरण बरामद किए गए ।
मध्यप्रदेश पुलिस का संदेश – साइबर अपराधों पर कठोर कार्रवाई जारी
बैतूल पुलिस की इस कार्रवाई में जांच टीम ने सावधानी, तकनीकी दक्षता और त्वरित एक्शन का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जन सुरक्षा और साइबर सुरक्षा प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और ऐसे संगठित साइबर अपराधों के खिलाफ कठोर कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।



