State

आउटसोर्स कर्मचारियों के भविष्य पर संकट: “जब चाहे नौकरी से निकाल दिया जाता है,” अनिल बाजपेई ने सरकार से की अपील

भोपाल,।  आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी असुरक्षा और उनके अधिकारों की उपेक्षा पर आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष अनिल बाजपेई और अर्द्ध शासकीय अधिकारी कर्मचारी सार्वजनिक उपक्रम संघ के प्रांताध्यक्ष अरुण वर्मा ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। हमीदिया अस्पताल के 400 आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याएं

अनिल बाजपेई ने कहा कि जहां एक ओर बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आउटसोर्स कर्मचारी दिन-रात मेहनत करके सरकारी विभागों, निगम मंडलों, और सहकारी संस्थाओं के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके बावजूद, उन्हें मनमाने ढंग से आरोप लगाकर नौकरी से निकाल दिया जाता है।

प्रमुख मुद्दे:

वेतन और भत्तों का भुगतान नहीं: श्रमायुक्त के आदेशों के बावजूद, आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन, भत्ता, और बोनस का भुगतान नहीं किया जा रहा है।

अधिकारों का दमन: यदि कोई कर्मचारी अपने अधिकारों की मांग करता है, तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है।

नौकरी की असुरक्षा: बिना किसी अपरिहार्य कारण के कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करना आम बात हो गई है।

सरकार से अपील और चेतावनी
अनिल बाजपेई और अरुण वर्मा ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, और श्रमायुक्त से मांग की है कि:

1. बिना ठोस कारण के आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा समाप्ति पर रोक लगाई जाए।
2. श्रमायुक्त के आदेशों के तहत कर्मचारियों को वेतन, भत्ते और बोनस का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इन मुद्दों का समाधान नहीं किया तो आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के बैनर तले बड़ा आंदोलन और धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

Related Articles