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भोपाल: शारदीय नवरात्रि में गरबा पंडालों में फूहड़ गानों पर डांस से भड़का विवाद,वीडियो वायरल

भोपाल। शारदीय नवरात्रि का पवित्र पर्व जहां देवी मां की आराधना और शक्ति की उपासना का प्रतीक है, वहीं भोपाल के करोंद इलाके की एक कॉलोनी में फिल्मी फूहड़ गानों पर डांस किए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। हिन्दू उत्सव समिति, बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, RSS सहित सभी हिन्दू संगठनों ने इस मुद्दे पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। यहां तक कि भोपाल के जुझारू सांसद आलोक शर्मा ने भी सभी झांकियों और गरबा पंडालों में भक्ति गीतों को प्राथमिकता देने और फिल्मी गाने न बजाने का आग्रह किया है।

नवरात्रि में फूहड़ गानों का विरोध, हिन्दू संगठनों ने की अपील

सांसद आलोक शर्मा और हिन्दू संगठनों ने नवरात्रि के दौरान हर गरबा पंडाल में देवी मां की आराधना के लिए भक्ति गीतों और पारंपरिक गरबा गानों को ही बजाने की अपील की है। उनका कहना है कि नवरात्रि देवी शक्ति की उपासना का समय है, जहां ऐसे अश्लील और फिल्मी गीतों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। बावजूद इसके, भोपाल के करोंद क्षेत्र की सुखसागर फेस 4 कॉलोनी में फिल्मी गानों पर डांस किए जाने की शिकायतें सामने आई हैं, जिससे स्थानीय लोग नाराज हैं।

सुखसागर कॉलोनी के गरबा पंडाल में फूहड़ गानों पर डांस से विवाद

सुखसागर फेस 4 कॉलोनी के गरबा पंडाल में ‘बीड़ी जलाई ले…’, ‘नीचे फूलों की दुकान, ऊपर गौरी का मकान…’ जैसे फूहड़ गानों पर नृत्य किए जाने की शिकायत सामने आई है। इस पर स्थानीय महिला गोरी ने भी विरोध जताया है। उनका कहना है कि ऐसे गानों पर अश्लील नृत्य करना नवरात्रि की पवित्रता को भंग करता है।

कॉलोनी समिति के पदाधिकारियों की अनदेखी, महिलाओं में रोष

कॉलोनी की कल्याण समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने भी नवरात्रि के दौरान भक्ति गीतों के स्थान पर फिल्मी गाने बजाए जाने पर विरोध किया, लेकिन आयोजनकर्ताओं ने इसे नजरअंदाज कर दिया। इस गरबा पंडाल में कई छोटी-छोटी कन्याएं और माताएं भी उपस्थित थीं, जो इस तरह के गीतों को सुनकर असहज महसूस कर रही थीं।

हिन्दू संगठनों की सख्त चेतावनी: देवी मां की आराधना का रखें सम्मान

हिन्दू संगठनों ने सख्त चेतावनी दी है कि अगर किसी भी गरबा पंडाल में फिल्मी और फूहड़ गाने बजाए जाते हैं, तो इसे सहन नहीं किया जाएगा। नवरात्रि का पर्व माता रानी की आराधना का समय है, जहां केवल भक्ति गीतों का ही स्थान होना चाहिए। इस संबंध में सभी पंडाल आयोजकों को निर्देशित किया गया है कि माता की महिमा को ध्यान में रखते हुए केवल भक्ति गीतों और परंपरागत गरबा गीतों का ही उपयोग करें।

भोपालवासियों की राय: क्या ऐसे गानों का गरबा पंडाल में कोई स्थान है?

भोपाल के नागरिकों ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की है। अधिकांश का कहना है कि नवरात्रि का समय श्रद्धा और भक्ति का है, न कि अश्लीलता और फूहड़ता का। वे चाहते हैं कि इस प्रकार के आयोजनों पर सख्ती से रोक लगाई जाए, ताकि नवरात्रि की गरिमा और पवित्रता बनी रहे।

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