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साइबर ठगों की साजिश नाकाम: बैतूल पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के जाल से 64 वर्षीय बुजुर्ग को बचाया, 73 लाख रुपये की ठगी टली

भोपाल । मध्यप्रदेश में बढ़ते साइबर अपराधों के बीच बैतूल पुलिस ने समय रहते बड़ी साजिश को नाकाम कर एक बुजुर्ग की जीवनभर की कमाई बचा ली। “डिजिटल अरेस्ट” जैसे खतरनाक साइबर फ्रॉड से पीड़ित को मुक्त कराते हुए पुलिस ने न केवल ठगी रोकने में सफलता पाई, बल्कि साइबर सुरक्षा जागरूकता का भी सशक्त संदेश दिया।
डिजिटल अरेस्ट का झांसा, कैसे फंसा बुजुर्ग?

64 वर्षीय चैतराम नरवरे, निवासी अशोका गार्डन भोपाल (रिटायर्ड WCL कर्मचारी) को साइबर ठगों ने वीडियो कॉल पर स्वयं को ईडी और CBI अधिकारी बताकर झूठे, मनी-लॉन्ड्रिंग आरोपों में फंसाने की धमकी दी।
ठगों ने भयभीत कर उन्हें पाथाखेड़ा (सारणी) बुलाया और होटल के कमरे में बंद कर डिजिटल अरेस्ट  का झूठा नाटक रचा।

परिवार से बातचीत पर रोक
बैंक की एफडी तुड़वाने का दबाव
RTGS फॉर्म तक भरवाया
पीड़ित मानसिक रूप से सदमे में थे और ठगों की बातों को सच मान चुके थे।

परिजनों की सूचना और बैतूल पुलिस की त्वरित कार्रवाई

परिजनों से संपर्क न होने पर संदेह होने पर उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन के निर्देशन और एएसपी कमला जोशी, एसडीओपी प्रियंका करचाम, तथा थाना प्रभारी जयपाल इनवाती के मार्गदर्शन में पाथाखेड़ा पुलिस टीम हरकत में आई।

मोबाइल लोकेशन ट्रैक की
लोकेशन राजेश गेस्ट हाउस, बगडोना मिली
होटल पहुँचकर पीड़ित को खोजा
धैर्यपूर्वक समझाया और उनका भ्रम दूर किया
पुलिस टीम ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकालकर परिजनों से मिलवाया।
समय पर पहुंची पुलिस ने पूरे 73 लाख रुपये की ठगी होने से बचा ली।

साइबर सुरक्षा पर पुलिस की चेतावनी

मध्यप्रदेश पुलिस ने स्पष्ट किया है कि—
“डिजिटल अरेस्ट” जैसा कोई शब्द भारतीय कानून में मौजूद नहीं है।
कोई भी जांच एजेंसी—पुलिस, CBI, ED, वीडियो कॉल, व्हाट्सऐप, सोशल मीडिया के माध्यम से न तो किसी को गिरफ्तार कर सकती है, और न ही धनराशि की मांग कर सकती है।

पुलिस की अपील: सावधान रहें, 1930 हेल्पलाइन पर तुरंत शिकायत करें

यदि कोई व्यक्ति खुद को अधिकारी बताकर ऑनलाइन कॉल के जरिए धमकाए या जांच के नाम पर पैसे मांगे, तो यह साइबर ठगी है।कोई भी OTP, बैंक डिटेल, दस्तावेज साझा न करें
ऐसी कॉल तुरंत काटें

और तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाने में शिकायत करें बैतूल पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ा साइबर अपराध होने से रोक दिया और साइबर सुरक्षा जागरूकता का मजबूत संदेश दिया है।

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