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कांग्रेस का चुनाव आयोग को ज्ञापन: सरकारी पैसों से वोट खरीदना बंद करे भाजपा सरकार

आचार संहिता उल्लंघन का आरोप, निष्पक्ष चुनाव हेतु तत्काल हस्तक्षेप की मांग

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने भाजपा शासित राज्यों पर चुनाव आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन कर सरकारी योजनाओं के माध्यम से वोट खरीदने का गंभीर आरोप लगाया है। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा को ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की।

कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने सौंपा ज्ञापन

ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में पूर्व मंत्री पी.सी. शर्मा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, वरिष्ठ नेता जेपी धनोपिया, शाबिस्ता जाकी, प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता, अभिनव बरोलिया, पार्षद गुड्डू चौहान, मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रभारी ललित सेन, रमेश पांडे तथा निकेश चौहान शामिल रहे। प्रतिनिधि मंडल ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन वाले राज्यों में सरकारी फंड का उपयोग कर मतदाताओं को आर्थिक लाभ देकर मतदान प्रभावित किया जा रहा है।

इज्जत धन के नाम पर 130 करोड़ के ट्रांसफर का आरोप

कांग्रेस ने दावा किया कि बिहार चुनाव के दौरान जीविका दीदी स्व-सहायता समूह की महिलाओं एवं विवाहित महिलाओं को मिलाकर लगभग 130 करोड़ रुपये इज्जत धन योजना के नाम पर चुनाव अवधि में ही बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए। प्रत्येक महिला को 10,000 रुपए देकर मतदान को प्रभावित करने की कोशिश की गई। इसी प्रकार, महाराष्ट्र और अन्य भाजपा शासित प्रदेशों में भी इसी पैटर्न पर सरकारी पैसों से वोट प्रभावित करने के आरोप लगाए गए।

कांग्रेस ने कहा, नियमों में ढील का गलत फायदा उठा रही सरकारें

कांग्रेस ने यह भी कहा कि पहले चुनाव घोषणा से छह माह पूर्व तक नई घोषणाएँ करने पर रोक थी, परंतु इसे घटाकर तीन माह कर दिया गया है, जिसका भाजपा सरकारें राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग कर रही हैं।
मध्यप्रदेश में 2023 चुनाव से पहले लाड़ली बहना योजना में ₹1000 प्रतिमाह देने के उद्देश्य पर भी सवाल उठाए गए।

कांग्रेस की प्रमुख मांगें – चुनाव आयोग तुरंत कार्रवाई करे

1. चुनाव अवधि में नई राशि वितरण या लाभ हस्तांतरण योजनाओं पर रोक लगाई जाए।


2. जिन राज्यों में चुनाव घोषित हैं, वहाँ सरकारी धन वितरण की स्वतंत्र जांच कराई जाए।


3. वोट प्रभावित करने के उद्देश्य से नकद, लाभांश या आर्थिक प्रलोभन पर कड़ी निगरानी रखी जाए।


4. मतदाता सूची पुनरीक्षण में BLO पर SIR फॉर्म ईमानदारी से भरने की जिम्मेदारी तय की जाए।



कांग्रेस ने कहा कि यह सब लोकतंत्र के मूल ढांचे पर आघात है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग का त्वरित हस्तक्षेप आवश्यक है।




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