भोपाल। यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या और भविष्य की परिवहन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने प्रमुख शहरों में ट्रेन संचालन एवं कोचिंग हैंडलिंग क्षमता को दोगुना करने की दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में पश्चिम मध्य रेलवे, भोपाल मंडल के अंतर्गत भोपाल, रानी कमलापति एवं निशातपुरा रेलवे स्टेशनों पर व्यापक अधोसंरचना विकास और क्षमता संवर्धन कार्य तेज़ी से प्रगति पर हैं। वर्तमान में भोपाल क्षेत्र के भोपाल एवं रानी कमलापति स्टेशन से लगभग 30 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का उद्गम एवं हैंडलिंग किया जा रहा है, जो स्वीकृत एवं प्रस्तावित कार्यों के पूर्ण होने के बाद लगभग 60 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। इसके साथ ही 98 कोचों की अतिरिक्त क्षमता जुड़ने से कोचिंग हैंडलिंग में उल्लेखनीय विस्तार होगा।
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन: चरणबद्ध विकास से बढ़ेगी क्षमता
रानी कमलापति स्टेशन पर कोचिंग क्षमता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं स्वीकृत एवं निर्माणाधीन हैं। इनमें IOH शेड का निर्माण, 3 पिट लाइनों का नवीनीकरण
प्लेटफॉर्म 4 एवं 5 को पृथक करने हेतु यार्ड संशोधn, अतिरिक्त लूप एवं स्टेबलिंग लाइनों का प्रावधान, यार्ड रीमॉडलिंग (फेज–II एवं फेज–III),शामिल हैं। इन कार्यों के पूर्ण होने के पश्चात रानी कमलापति स्टेशन पर 7 अतिरिक्त ट्रेनों के उद्गम/हैंडलिंग की क्षमता विकसित होगी, जिससे कोचिंग स्टेबलिंग क्षमता भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ेगी।
भोपाल रेलवे स्टेशन: विश्वस्तरीय स्मार्ट स्टेशन की ओर
भोपाल रेलवे स्टेशन को भविष्य की यात्री मांग को ध्यान में रखते हुए विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त स्मार्ट स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
वर्तमान यात्री आवागमन:
प्रतिदिन 65,000 से अधिक यात्री
मेले एवं पीक आवर में 20,000 से अधिक यात्री प्रति घंटा संभावित
प्रमुख विकास कार्य:
नया मुख्य स्टेशन भवन – 21,814 वर्गमीटर
नया द्वितीय प्रवेश भवन – 4,235 वर्गमीटर
2160 वर्गमीटर का आधुनिक कॉनकोर्स, 24 मीटर चौड़ाई
2 नए एफओबी, 33 लिफ्ट और 30 एस्केलेटर
मल्टी लेवल कार पार्किंग (MLCP) – 1156 ECS
सतही पार्किंग – 413 ECS
SCADA/BMS आधारित स्मार्ट स्टेशन,
ग्रीन बिल्डिंग, सोलर पैनल, वर्षा जल संचयन,
दिव्यांगजन अनुकूल आधुनिक सुविधाएं
निशातपुरा स्टेशन बनेगा मेगा कोचिंग मेंटेनेंस हब
निशातपुरा रेलवे स्टेशन को भोपाल क्षेत्र का मेगा कोचिंग मेंटेनेंस हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां प्रस्तावित/स्वीकृत प्रमुख सुविधाएं वंदे भारत ट्रेनों के लिए मेंटेनेंस डिपो, नए पिट लाइन का निर्माण, स्वचालित कोच वॉशिंग प्लांट, व्हील लेथ लाइन, ईओटी क्रेन एवं सिंक्रोनाइज्ड लिफ्टिंग जैक, प्रशासनिक भवन, विभागीय मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री इसके साथ ही अमृत भारत एवं LHB कोचों के लिए अतिरिक्त लूप लाइनों और आइलैंड प्लेटफॉर्म का प्रावधान किया जा रहा है। इन कार्यों से निशातपुरा क्षेत्र में 4 अतिरिक्त ट्रेनों के उद्गम की क्षमता विकसित होगी।
संत हिरदाराम नगर स्टेशन पर भी क्षमता विस्तार
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों को ध्यान में रखते हुए संत हिरदाराम नगर स्टेशन पर भी यार्ड रीमॉडलिंग और अतिरिक्त लूप/स्टेबलिंग लाइनों का प्रस्ताव है। इससे 5 कोचिंग ट्रेनों की अतिरिक्त स्टेबलिंग क्षमता विकसित की जाएगी।
2030 तक क्षमता दोगुनी करने का लक्ष्य
भारतीय रेलवे की योजना के अनुसार वर्ष 2030 तक ट्रेन संचालन और कोचिंग हैंडलिंग क्षमता को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अगले पाँच वर्षों में चरणबद्ध रूप से इसके लाभ यात्रियों को मिलने लगेंगे। सभी परियोजनाओं को तत्काल, अल्पकालिक और दीर्घकालिक श्रेणियों में स्पष्ट समयसीमा के साथ लागू किया जा रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान
रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यात्रियों की बढ़ती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कोचिंग टर्मिनलों का विस्तार, यार्ड एवं खंडीय क्षमता वृद्धि और परिचालन सुधार किए जा रहे हैं। इससे रेलवे नेटवर्क का आधुनिकीकरण होगा और क्षेत्रीय व राष्ट्रव्यापी कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।
भोपाल, रानी कमलापति और निशातपुरा स्टेशनों पर अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण से दोगुनी होगी कोचिंग हैंडलिंग क्षमता
