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CM के कड़े निर्देश: प्राइवेट अस्पतालों में अनावश्यक सीजेरियन ऑपरेशन और 108 एम्बुलेंस से जबरन रेफरल पर लगेगी रोक

सरकारी अस्पतालों की 84,000 सफल कार्डियक सर्जरी की सराहना

भोपाल ।।मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा बैठक में प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को पारदर्शी और जनहितैषी बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए। प्राइवेट अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के अनावश्यक सीजेरियन ऑपरेशन और 108 एम्बुलेंस द्वारा जबरन प्राइवेट अस्पतालों में रेफरल जैसी शिकायतों पर CM ने कड़ा रुख दिखाते हुए तत्काल नियंत्रण और सख्त निगरानी के आदेश जारी किए। इसी बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में सरकारी अस्पतालों में 84,000 से अधिक कार्डियक सर्जरी सफलतापूर्वक की गई हैं, जो प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में बेहद कम खर्च पर हुईं।

अनावश्यक सीजेरियन ऑपरेशन पर लगेगी सख्त रोक

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी अनचाही और अनावश्यक चिकित्सीय प्रक्रियाएँ चिंताजनक हैं। प्राइवेट अस्पतालों में बिना उचित कारण दिए जा रहे सीजेरियन ऑपरेशनों पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।

108 एम्बुलेंस के दुरुपयोग पर निगरानी

CM ने कहा कि 108 एम्बुलेंस सेवा मरीजों की आपात सहायता के लिए है, न कि उन्हें जबरन प्राइवेट अस्पतालों में भेजने का माध्यम। ऐसी शिकायतें गंभीर हैं, इसलिए सभी जिलों में इसका रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम मजबूत किया जाएगा। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।

84,000 कार्डियक सर्जरी, सरकारी अस्पतालों की बड़ी उपलब्धि

सरकारी अस्पतालों द्वारा केवल दो वर्षों में इतनी बड़ी संख्या में हृदय सर्जरी की जाना स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती का बड़ा प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में कार्डियक सर्जरी प्राइवेट सेक्टर की तुलना में अत्यधिक कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली विशेषज्ञ टीमों द्वारा आधुनिक तकनीकों के साथ की जा रही हैं। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों और कार्डियक विशेषज्ञों की सराहना करते हुए कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश की चिकित्सा प्रणाली की विश्वसनीयता को बढ़ाती है।

जनता को सस्ती और ईमानदार स्वास्थ्य सेवाएँ देना प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य लोगों को पारदर्शी, सुरक्षित, सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है। इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों पर निगरानी के साथ सरकारी अस्पतालों के संसाधनों व सेवाओं को और मजबूत किया जाएगा।

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