एम्स भोपाल में बाल अस्थि रोगों पर सीएमई का आयोजन, नवोदित ऑर्थोपेडिक चिकित्सकों के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण और नैदानिक समझ का मिला अवसर

भोपाल। चिकित्सा शिक्षा में नवाचार और व्यावहारिक अनुभव को प्राथमिकता देते हुए एम्स भोपाल में बाल अस्थि रोगों (पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स) पर केंद्रित एक दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन एम्स भोपाल के निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में, मध्य प्रदेश चैप्टर ऑफ इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन, भोपाल ऑर्थोपेडिक सर्जन्स सोसायटी तथा एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक सर्जन्स के सहयोग से संपन्न हुआ।
इस बाल अस्थि रोग सीएमई का उद्देश्य उभरते हुए चिकित्सकों को बच्चों में पाई जाने वाली जटिल अस्थि समस्याओं के निदान, उपचार और प्रबंधन के आधुनिक तरीकों से अवगत कराना था। भोपाल और आसपास के क्षेत्रों से आए 92 पंजीकृत प्रतिनिधियों और देशभर के अनुभवी ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। इंटरएक्टिव सेशन्स, प्रत्यक्ष प्रशिक्षण, और हड्डियों में प्लास्टर कास्ट लगाने की तकनीक पर आधारित प्रैक्टिकल डेमो ने इस CME को विशेष बना दिया।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने उद्घाटन सत्र में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमें नई पीढ़ी के ऑर्थोपेडिक चिकित्सकों को केवल तकनीकी दक्षता ही नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं और करुणा का प्रशिक्षण भी देना होगा। बच्चों की अस्थि समस्याएं संवेदनशील होती हैं और उनके इलाज में विशेषज्ञता के साथ-साथ एक समग्र दृष्टिकोण की भी आवश्यकता होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि एम्स भोपाल लगातार पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स के क्षेत्र में जनकल्याणकारी सेवाएं दे रहा है और आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और छात्र विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से इन सेवाओं को और सशक्त किया जाएगा।
कार्यक्रम में कई राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। उन्होंने बाल चिकित्सा रोगियों के लिए अपनाई जाने वाली नवीनतम हड्डी रोग चिकित्सा तकनीकों, जैसे कि कास्टिंग, फ्रैक्चर मैनेजमेंट, और जन्मजात हड्डी विकारों के इलाज पर व्याख्यान दिए। व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र में प्लास्टर कास्ट लगाने की विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन किया गया, जिससे छात्रों को वास्तविक अनुभव प्राप्त हुआ। इसके साथ ही, पीजी छात्रों के लिए एक रोचक क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें चिकित्सा ज्ञान के साथ प्रतिस्पर्धात्मकता और टीम भावना को प्रोत्साहन मिला।
यह CME कार्यक्रम एम्स भोपाल के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें चिकित्सा शिक्षा को व्यावहारिक अनुभव और मानवीय मूल्यों से जोड़कर स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा रहा है। यह आयोजन न केवल चिकित्सा छात्रों के लिए एक सीखने का मंच बना, बल्कि बाल चिकित्सा हड्डी रोगों की उन्नत देखभाल की दिशा में एक मजबूत कदम भी सिद्ध हुआ।