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मंत्रिमंडल विस्तार की आहट के बीच सीएम मोहन यादव की अमित शाह से मुलाकात, मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी में संगठनात्मक स्तर पर बड़े बदलावों के बीच मध्य प्रदेश की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। नितिन नवीन के भाजपा के नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस राजनीतिक मुलाकात को मध्य प्रदेश में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और निगम-मंडल नियुक्तियों से जोड़कर देखा जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार नए वर्ष की शुरुआत में मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार संभव है, जिसमें कुछ नए चेहरों को मौका मिल सकता है, जबकि कई मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है। लंबे समय से संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर परफॉर्मेंस रिपोर्ट के आधार पर मूल्यांकन चल रहा है।

क्यों अहम है शाह–मोहन यादव की यह मुलाकात?

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह मुलाकात सिर्फ औपचारिक नहीं थी।
इसमें मंत्रिमंडल विस्तार का रोडमैप, क्षेत्रीय और जातीय संतुलन, 2028 विधानसभा चुनाव की रणनीति, संगठन और सरकार के बीच समन्वय, निगम-मंडलों में नियुक्तियां जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई है।

निगम-मंडलों में भी जल्द नियुक्तियां संभव

बताया जा रहा है कि भाजपा संगठन में लंबे समय से सक्रिय कार्यकर्ताओं और नेताओं को निगम-मंडलों में जिम्मेदारी दी जा सकती है। इससे न सिर्फ संगठन को मजबूती मिलेगी, बल्कि सरकार और कार्यकर्ताओं के बीच संतुलन भी साधा जाएगा।

राजनीतिक संकेत साफ

मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में यह पहला बड़ा प्रशासनिक और राजनीतिक पुनर्गठन माना जा रहा है। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि सरकार पूरी तरह प्रदर्शन आधारित और चुनावी दृष्टि से मजबूत दिखाई दे। कुल मिलाकर अमित शाह और मोहन यादव की यह मुलाकात मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़े बदलावों का संकेत मानी जा रही है। अब निगाहें नए साल पर टिकी हैं, जब मंत्रिमंडल विस्तार और निगम-मंडल नियुक्तियों को लेकर तस्वीर साफ हो सकती है।

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