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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वन विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश: “सघन वनों और वन्यजीव पर्यटन से बढ़ाएं राजस्व

मध्यप्रदेश के घने वनों और राष्ट्रीय उद्यानों से राजस्व बढ़ाने पर जोर

पर्यावरणीय संतुलन के साथ ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के निर्देश

भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज समत्व भवन स्थित अपने निवास पर वन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मध्यप्रदेश के समृद्ध सघन वनों और वन्यजीव पर्यटन स्थलों की पूरी क्षमता का उपयोग कर राज्य की आय बढ़ाई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को “भारत का टाइगर स्टेट” कहा जाता है, और यहां की जैव विविधता, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य तथा इको-पर्यटन केंद्र देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने वन विभाग को निर्देशित किया कि वन्यजीव पर्यटन को व्यस्थित और पर्यावरण संतुलन के अनुरूप बढ़ावा देने की रणनीति तैयार की जाए ताकि राज्य को आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरणीय संरक्षण भी सुनिश्चित किया जा सके।

समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने राज्य के विभिन्न वन क्षेत्रों, संरक्षण प्रयासों और वन आधारित पर्यटन की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि ऐसे क्षेत्रों में पर्यटन की गतिविधियों को इस प्रकार विकसित किया जाए जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिले और जैव विविधता को भी नुकसान न पहुंचे।

डॉ. यादव ने यह भी कहा कि वनों के संरक्षण में तकनीक और नवाचार का उपयोग बढ़ाया जाए। स्मार्ट निगरानी, ईको-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल टिकटिंग जैसी सुविधाएं पर्यटकों को आकर्षित करेंगी और विभाग की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

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