
भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश में नागरिकों को सस्ती और सुलभ परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय में परिवहन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक व्यवस्थाओं को शीघ्र पूर्ण किया जाए। साथ ही, गुजरात की तर्ज पर नई चेक-पोस्ट व्यवस्था समय सीमा में लागू की जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ट्रांसपोर्टर पूर्व में ही ई-चेक पोस्ट वेबसाइट पर अपने वाहन के संबंध में आवश्यक स्व-घोषणा कर निर्धारित फीस जमा कर सकेंगे। जांच में दोषी पाए जाने पर दोगुनी फीस जमा करवाने का प्रावधान रहेगा। इस व्यवस्था के लिए होमगार्ड सहित आवश्यक अमले और बजट की सहमति भी प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रमुख निर्देश:
1. प्रदेश में ई-व्हीकल व्यवस्था बढ़ाई जाए।
2. यात्री बसों के आने का समय निर्धारित हो। निर्धारित समय पर बसें आएं और व्यवस्था का सख्ती से पालन हो।
3. ओवरलोडिंग न होने दी जाए।
4. बस स्टैंड की व्यवस्था लागू हो। बसें अव्यवस्थित न खड़ी हों और घोषित स्थान पर स्टैंड बनाए जाएं।
5. बस स्टैंड और बस स्टॉप की आवश्यकता को देखते हुए नए बस स्टॉप अवश्य बनाए जाएं।
6. विद्यार्थियों के लिए महाविद्यालय में लर्निंग लाइसेंस बनाने की सुविधा प्रदान की जाए।
7. ऑनलाइन सेवाओं को बढ़ाया जाए।
8. परिवहन विभाग विभिन्न जन सुविधाओं के लिए बेहतर प्रबंधन करें।
परिवहन और स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, परिवहन आयुक्त श्री डी.पी. गुप्ता और अन्य संबंधित अधिकारी इस समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।
गुजरात की वाहन चेकिंग व्यवस्था एक नजर में:
गुजरात में वर्ष 2019 से 17 चेक पोस्ट समाप्त कर दिए गए हैं और चेक पॉइंट्स के नाम से 58 नए स्थान अधिसूचित किए गए हैं। चेक पॉइंट्स पर अधिकारी आठ-आठ घंटे की ड्यूटी करते हैं। प्रत्येक चेक पॉइंट पर एक अधिकारी के साथ गार्ड और वाहन चालक भी रहते हैं। इस व्यवस्था के लिए प्रत्येक सातवें दिन 217 अधिकारियों की पदस्थता की जाती है। राज्य को चार जोन में विभक्त कर व्यवस्था लागू की गई है, जिससे परिवहन विभाग की आय में वृद्धि हुई है।
वाहन चेकिंग में बॉडी वॉर्न कैमरा, स्पीड गन, रडार गन और इंटरसेप्टर जैसे उपकरण उपयोग में लाए जाते हैं। मोटर वाहन निरीक्षक और सहायक मोटर वाहन निरीक्षक मिलाकर लगभग 850 पद स्वीकृत किए गए हैं। मध्यप्रदेश के अधिकारी इस व्यवस्था का अध्ययन कर प्रदेश में इसे लागू करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस व्यवस्था के लिए आवश्यक होमगार्ड की व्यवस्था भी की जाए। इससे आमजन को लाभ मिलेगा और शासन की आय में भी वृद्धि होगी।