छत्तीसगढ़ सरकार ला रही नया धर्मांतरण विरोधी विधेयक

जबरन या प्रलोभन से धर्मांतरण पर 10 साल तक की सजा, 17 सख्त प्रावधान शामिल

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में तेजी से बढ़ रहे जबरन और प्रलोभन आधारित धर्मांतरण के मामलों पर कड़ा रुख अपनाने जा रही है। सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में नया धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश करेगी, जिसमें ऐसे मामलों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इस विधेयक में कुल 17 सख्त प्रावधान शामिल हैं, जो धर्मांतरण की धोखाधड़ी और दबाव आधारित गतिविधियों पर सीधे रोक लगाएंगे।

जबरन धर्मांतरण पर 10 साल की जेल का प्रावधान

नए विधेयक का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि यदि कोई व्यक्ति जबरन, प्रलोभन देकर या धोखा देकर धर्मांतरण कराता है, तो उसे 10 साल तक की कैद की सजा दी जा सकेगी। अपराध की गंभीरता के अनुसार जुर्माना भी लगाया जाएगा। सरकार का कहना है कि राज्य में कई जगहों पर बिना जानकारी, बिना अनुमति और लालच देकर धर्म बदलवाने की शिकायतें सामने आई हैं, जिन्हें रोकने के लिए यह कानून बेहद जरूरी है।

धोखाधड़ी और जबरदस्ती के खिलाफ 17 कड़े प्रावधान

विधेयक में जिन मुख्य प्रावधानों को शामिल किया गया है, उनमें धोखे, धमकी या मानसिक दबाव से कराए गए धर्मांतरण को अमान्य माना जाएगा। किसी भी समुदाय विशेष को आर्थिक लाभ का लालच देकर धर्म बदलवाना दंडनीय अपराध होगा। सामूहिक धर्मांतरण पर और भी कठोर कार्रवाई का प्रस्ताव है।धर्मांतरण के लिए जिला कलेक्टर को पूर्व सूचना और बाद में रिपोर्ट अनिवार्य की जाएगी। गैर कानूनी धर्मांतरण कराने वाले संगठनों पर कड़ी निगरानी और दंड का प्रावधान होगा।

शीतकालीन सत्र में होगा विधेयक प्रस्तुत

छत्तीसगढ़ सरकार इसे शीतकालीन विधानसभा सत्र में पेश करेगी। विधेयक पारित होने पर राज्य में धर्मांतरण संबंधित मामलों पर कानूनी नियंत्रण और सख्त निगरानी स्थापित होने की उम्मीद है। सरकार का दावा है कि यह नया कानून राज्य में सामाजिक सौहार्द, धार्मिक स्वतंत्रता और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

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