
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मप्र के खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की भेंट, किसानों और उपभोक्ताओं से जुड़े अहम प्रस्तावों पर चर्चा
भोपाल/नई दिल्ली। मध्यप्रदेश की खाद्यान्न प्रबंधन व्यवस्था को अधिक सुदृढ़, पारदर्शी और तकनीक-संचालित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने नई दिल्ली में केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान केंद्र–राज्य समन्वय को मजबूत करने तथा किसानों और उपभोक्ताओं के हित से जुड़े कई अहम विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव खाद्य रश्मि अरुण शमी, आयुक्त खाद्य कर्मवीर शर्मा एवं प्रबंध संचालक, मप्र राज्य नागरिक आपूर्ति निगम अनुराग वर्मा भी उपस्थित रहे।
खाद्यान्न उपार्जन और भुगतान प्रणाली में सुधार पर जोर
भेंट के दौरान मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रदेश में खाद्यान्न उपार्जन, भंडारण, वितरण और गुणवत्ता सुधार से जुड़े नीतिगत एवं वित्तीय पहलुओं की जानकारी केंद्रीय मंत्री को दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान विकेन्द्रीकृत उपार्जन व्यवस्था के स्थान पर केन्द्रीयकृत प्रणाली लागू किए जाने अथवा अनुमानित उपार्जन मात्रा के अनुरूप समर्थन मूल्य की एकमुश्त अग्रिम राशि उपलब्ध कराए जाने से किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा और राज्य सरकार पर वित्तीय दबाव भी कम होगा।
अतिशेष गेहूं के त्वरित उठाव और लंबित भुगतान का मुद्दा
खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने राज्य में उपार्जित अतिशेष गेहूं के शीघ्र उठाव को लेकर एफसीआई की भूमिका पर भी चर्चा की। उन्होंने आग्रह किया कि या तो एफसीआई द्वारा तत्काल गेहूं का उठाव किया जाए अथवा गोदामों में भंडारित गेहूं को यथास्थिति अधिग्रहित कर भुगतान प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। इसके साथ ही उन्होंने मध्यप्रदेश के लिए स्वीकृत खाद्यान्न साख सीमा को 20 वर्ष के दीर्घकालीन ऋण में परिवर्तित करने और मप्र नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा प्रस्तुत लेखों के विरुद्ध लंबित लगभग 7511 करोड़ रुपये के शीघ्र भुगतान का अनुरोध भी किया।
डेटा प्रबंधन और पारदर्शिता को लेकर अहम प्रस्ताव
बैठक में वर्ष 2020–21 एवं 2022–23 के दौरान वितरित खाद्यान्न से संबंधित डेटा को सेंट्रल रिपोजिटरी में अपलोड करने की लंबित प्रक्रिया को प्राथमिकता से पूर्ण कराने पर भी बल दिया गया। मंत्री राजपूत ने कहा कि इससे राष्ट्रीय स्तर पर डेटा की एकरूपता, पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रस्तावित नवाचार और तकनीकी उन्नयन से मध्यप्रदेश की खाद्यान्न प्रबंधन प्रणाली अधिक दक्ष, आधुनिक और जवाबदेह बनेगी, जिसका लाभ किसानों, उपभोक्ताओं और शासन—तीनों को मिलेगा।
केंद्र सरकार का सकारात्मक आश्वासन
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ समन्वय बनाकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।



