नई दिल्ली । भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल ने उद्योग जगत को कड़े शब्दों में संदेश देते हुए कहा कि रक्षा क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को लाभ के साथ-साथ राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना भी दिखानी चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि समय पर अनुबंध पूरा न करना ‘सिस्टम की नहीं, आपकी क्षमता की कमी’ है। उनके इस बयान ने रक्षा उद्योग और सरकारी तंत्र दोनों में नई बहस छेड़ दी है।
लाभ भी कमाएँ, पर राष्ट्रवाद भी दिखाएँ : CDS
CDS जनरल ने अपने संबोधन में कहा कि रक्षा उत्पादन से जुड़े उद्योग केवल मुनाफे के बारे में न सोचें, बल्कि राष्ट्रीय हित, सुरक्षा जरूरतों और सैनिकों के जीवन से जुड़े दायित्वों को भी समझें।
उन्होंने कहा कि उद्योग जगत से हमारी अपेक्षाएँ बहुत स्पष्ट हैं, लाभ के साथ-साथ थोड़ा राष्ट्रवाद और देशभक्ति भी दिखाएँ। CDS ने उन कंपनियों पर भी निशाना साधा जो रक्षा उपकरणों की डिलीवरी समय पर नहीं कर पातीं। उन्होंने कहा कि अपनी क्षमताओं के बारे में ईमानदार रहें… हमें बीच रास्ते में न छोड़ें। इसके साथ ही उन्होंने ज़ोर दिया कि यदि कोई कंपनी रक्षा अनुबंध पर हस्ताक्षर करती है, तो समय पर काम पूरा करना अनिवार्य है।
उनके कठोर शब्दों में कहा कि अगर आप किसी अनुबंध पर हस्ताक्षर करते हैं और समय पर उसे पूरा नहीं करते, तो यह हमारी नही, आपकी क्षमता की कमी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और निजी क्षेत्र की भूमिका
CDS का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ‘आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन’ की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। डिफेंस स्टार्टअप, प्राइवेट सेक्टर और MSMEs की बड़ी भूमिका उभरकर सामने आ रही है। लेकिन अक्सर बड़े प्रोजेक्ट्स में देरी, लागत बढ़ोतरी और गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं CDS की टिप्पणी विशेषज्ञों के अनुसार इंडस्ट्री के लिए संदेश है कि राष्ट्रीय सुरक्षा में समझौता नहीं होगा और सरकार/सेना अधूरी डिलीवरी को लेकर अब और नरमी नहीं दिखाएगी।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
रक्षा उद्योग संगठन CDS के बयान को गंभीरता से ले रहे हैं। आशा की जा रही है कि आने वाले समय में कंपनियाँ अधिक जवाबदेह और पारदर्शी तरीके अपनाएँगी। भारत की रक्षा जरूरतें लगातार बढ़ रही हैं, ऐसे में समयबद्ध, विश्वसनीय और स्वदेशी उपकरणों का महत्व और बढ़ जाता है।
CDS जनरल का बड़ा बयान: लाभ कमाएँ, पर राष्ट्रवाद और जिम्मेदारी भी दिखाएं, रक्षा अनुबंधों में देरी राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़
