
गुन्नौर तहसील में चकबंदी कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ करोड़ों का जमीन घोटाला
संभल (उत्तर प्रदेश) । जिले की गुन्नौर तहसील से एक बड़ा सरकारी जमीन घोटाला सामने आया है, जिसमें 326 बीघा सरकारी जमीन को फर्जी अभिलेखों के आधार पर 58 अज्ञात लोगों के नाम दर्ज कर दिया गया। इस मामले में चकबंदी विभाग के कई कर्मचारियों की भूमिका उजागर हुई है।
मुख्य बिंदु:
चकबंदी स्टाफ पर बड़ा आरोप: चकबंदी प्रक्रिया के दौरान विभागीय स्टाफ ने साजिश के तहत 326 बीघा सरकारी जमीन को 58 फर्जी नामों में बांट दिया।
सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़: तहसील से सरकारी अभिलेख गायब किए गए और जालसाजी कर जमीन हस्तांतरण को वैध दिखाने का प्रयास हुआ।
67 लोगों के खिलाफ एफआईआर: इस फर्जीवाड़े में संलिप्तता पाए जाने पर पुलिस ने कुल 67 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
चकबंदी टीम में से चार की मौत: 9 नामित चकबंदी अधिकारियों में से 4 की अब तक मृत्यु हो चुकी है, जिससे जांच की प्रक्रिया कुछ हद तक जटिल हो गई है।
कर्मचारी गिरफ्तार, एक फरार: लेखपाल रामोतार, मोरध्वज, लिपिक और चपरासी रामनिवास को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि मुख्य आरोपी लेखपाल सुरेंद्र यादव अभी फरार है।
तहसील स्तर पर हड़कंप: गुन्नौर तहसील में इस घोटाले के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है और शासन ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।





