ब्रेकिंग न्यूज़: अवैध हथियार मामले में आरोपी आक़ाश नीलेश्वर उर्फ़ भूरा हड्डी पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, कोर्ट ने दिया जेल भेजने का आदेश

भोपाल । राजधानी भोपाल में अपराधियों के खिलाफ प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में अवैध हथियार रखने के मामले में कुख्यात आरोपी आक़ाश नीलेश्वर उर्फ़ भूरा हड्डी पर सख्त प्रशासनिक कदम उठाया गया है। न्यायालय ने बाउंड ओवर आदेश के उल्लंघन के चलते आरोपी को जेल में निरोध (कैद) करने का आदेश बरकरार रखा है, जिससे शहर में कानून व्यवस्था के प्रति सख्त संदेश गया है।

शाहजहाँनाबाद थाना की कार्रवाई से शुरू हुआ मामला

यह मामला 21 मार्च 2025 का है, जब शाहजहाँनाबाद थाना पुलिस ने आरोपी आक़ाश नीलेश्वर उर्फ़ भूरा हड्डी को संदिग्ध हालात में पकड़ा था। तलाशी के दौरान पुलिस को उसके पास से एक देशी पिस्टल और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए थे। अवैध हथियार रखने के आरोप में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया था।

विशेष कार्यपालिक मजिस्ट्रेट ने दी कानूनी सज़ा

मामले की सुनवाई के दौरान विशेष कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, शाहजहाँनाबाद, भोपाल ने आरोपी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे बाउंड ओवर आदेश के तहत नियंत्रण में रहने का निर्देश दिया था। मगर आरोपी ने आदेश का उल्लंघन किया, जिसके चलते न्यायालय ने उसे जेल में निरोध (कैद) का आदेश जारी किया।

हाईकोर्ट तक गई अपील, लेकिन आदेश बरकरार

आरोपी ने अपने बचाव में पहले जिला एवं सत्र न्यायालय भोपाल और बाद में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में अपील दायर की, लेकिन दोनों ही अदालतों ने मूल आदेश को यथावत रखते हुए प्रशासनिक निर्णय को सही ठहराया। अदालत ने कहा कि “कानून से ऊपर कोई नहीं है, और समाज में भयमुक्त वातावरण बनाए रखने के लिए ऐसे अपराधियों पर कठोर कार्रवाई आवश्यक है।”

  अपराधियों पर लगातार कार्रवाई

भोपाल पुलिस ने कहा है कि यह कार्रवाई शहर में अपराधियों के लिए चेतावनी है कि अवैध गतिविधियों, हथियारबाज़ी या आदेश उल्लंघन करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस प्रशासन ने साफ संदेश दिया है कि कानून सबके लिए समान है और अपराधियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा।

भयमुक्त समाज हमारी प्राथमिकता

इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था की सख्त नीति पर काम कर रहे हैं। अपराधियों पर निगरानी, पुराने मामलों की समीक्षा और बाउंड ओवर आदेशों के पालन की मॉनिटरिंग तेज कर दी गई है।

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