बिहार की अंतर्राज्यीय गैंग का भंडाफोड़, फर्जी दस्तावेजों से ठगी करने वाला नेटवर्क ध्वस्त

भोपाल। साइबर अपराध और धोखाधड़ी के मामलों पर कड़ी नजर रखते हुए, भोपाल पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस आयुक्त भोपाल हरिनारायणाचारी मिश्र और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अवधेश गोस्वामी के निर्देश पर, थाना हनुमानगंज की टीम ने बिहार की एक अंतर्राज्यीय गैंग का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग हजारों फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाते और सिमकार्ड बनाकर देशभर में ठगी के लिए सप्लाई कर रही थी।

कैसे हुआ खुलासा?

15 नवंबर 2024 को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि एक युवक और युवती भोपाल में मोबाइल की दुकानों से अलग-अलग नाम और पते के आधार पर सिमकार्ड खरीद रहे हैं। जांच में पाया गया कि दोनों की फोटो एक जैसी थी, लेकिन हर बार उनके नाम और पते अलग थे। इस जानकारी के आधार पर थाना हनुमानगंज में धारा 319(3), 318(4), 338, 336(3), 340(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू हुई।

गैंग का तरीका-ए-वारदात

मुख्य आरोपी: शशिकांत, झारखंड के देवघर से आधार कार्ड डेटा इकट्ठा करता था।

फर्जी दस्तावेज निर्माण: वह उन आधार कार्ड्स का पैन कार्ड बनाता था, जो पहले से जारी नहीं होते थे। फिर फोटोशॉप और प्रिंटर की मदद से फर्जी आधार और पैन कार्ड तैयार करता था।

सिम और बैंक खाते: इन फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर गैंग भोपाल और अन्य शहरों में सिमकार्ड खरीदने और फर्जी बैंक खाते खोलने का काम करती थी।

बैंक खातों की बिक्री: शशिकांत फर्जी बैंक खाते 10,000 रुपये प्रति खाता के हिसाब से अन्य ठगों को बेचता था।

साइबर ठगी: यह गैंग फर्जी खातों का इस्तेमाल लोन दिलाने, गेमिंग और अन्य वित्तीय धोखाधड़ी में करती थी।

सुरक्षा रणनीति: गैंग हर 3-4 महीने में अपना स्थान और सदस्य बदल देती थी ताकि पुलिस को चकमा दे सके।


पुलिस की कार्रवाई

मुखबिर की सूचना पर इब्राहिमगंज स्थित एक फ्लैट में दबिश दी गई, जहां 6 पुरुष और 1 महिला गिरफ्तार हुए। आरोपियों के नाम हैं:

1. शशिकांत कुमार उर्फ मनीष


2. सपना उर्फ साधना


3. अंकित कुमार साहू उर्फ सुनील


4. कौशल माली उर्फ पंकज


5. रोशन कुमार


6. रंजन कुमार उर्फ विनोद


7. मोहम्मद टीटू उर्फ विजय



बरामद सामान:

फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड

सिमकार्ड

बैंक पासबुक

मोबाइल फोन, लैपटॉप, प्रिंटर


पुलिस टीम:

इस कार्रवाई में थाना प्रभारी अवधेश भदौरिया, उप निरीक्षक विवेक शर्मा, अमित भदौरिया, और अन्य पुलिसकर्मियों का विशेष योगदान रहा।

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