मुस्कान विशेष अभियान” की बड़ी सफलता: नवंबर में 1,903 से अधिक बालिकाएँ सकुशल दस्तयाब, 16 लाख छात्र-छात्राओं तक पहुँचा महिला सुरक्षा संदेश

भोपाल । महिला सुरक्षा एवं बाल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की दिशा में मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा संचालित मुस्कान विशेष अभियान बेहद प्रभावी साबित हुआ है। 1 से 30 नवंबर तक चलाए गए इस राज्यव्यापी अभियान के तहत न सिर्फ गुमशुदा एवं अपहृत बालिकाओं को सुरक्षित खोज निकालने में बड़ी सफलता मिली, बल्कि विद्यालयों में जागरूकता बढ़ाने और समाज में महिला सम्मान के प्रति सकारात्मक वातावरण बनाने का महत्वपूर्ण प्रयास भी हुआ।

1,903 बालिकाएँ सुरक्षित दस्तयाब, परिवारों लौटी मुस्कान

मुख्यमंत्री की मंशानुसार महिला सुरक्षा शाखा, पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा चलाए गए इस अभियान के दौरान राज्यभर में 1,903 से अधिक लापता या अपहृत बालिकाओं को सकुशल दस्तयाब किया गया।
थाना पुलिस, जिला पुलिस, साइबर सेल, जीआरपी/आरपीएफ, महिला एवं बाल सुरक्षा डेस्क ने सक्रिय सहभागिता निभाते हुए, तकनीकी विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज स्कैन, अंतर्राज्यीय समन्वय की कार्रवाई, सैकड़ों किलोमीटर की खोज के माध्यम से कई जटिल मामलों को सुलझाया।

अभियान का उद्देश्य: सुरक्षा, संवेदनशीलता और सम्मान

इस अभियान का प्राथमिक उद्देश्य, गुमशुदा/अपहृत बालिकाओं की सुरक्षित घर वापसी, बच्चों व बालिकाओं में सुरक्षा जागरूकता, समाज में महिला सम्मान बढ़ाना रहा विद्यालयों और महाविद्यालयों में बाल संरक्षण कानून, साइबर सुरक्षा, गुड टच–बैड टच, बाल विवाह रोकथाम तथा महिला अपराधों से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर छात्रों को जागरूक किया गया।

राज्यभर में 13,108 विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम

अभियान के दौरान पुलिस अधिकारियों ने व्यापक स्तर पर स्कूल–कॉलेजों में सुरक्षा शिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। 13,108 विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम, 16,15,000 से अधिक छात्र-छात्राओं को महिला सुरक्षा व बाल अधिकारों की जानकारी
महिला डेस्क, सखी डेस्क और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी अभियान में सक्रिय सहयोग किया।

जिलों की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

अभियान में कई जिलों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किय।दौर पुलिस कमिश्नरेट: 144 बालिकाएँ दस्तयाब, धार जिला: 110, रतलाम: 73, आगरमालवा, अशोकनगर, विदिशा, अलीराजपुर और हरदा भी उत्कृष्ट जिलों में शामिल रहे।
अंतरराज्यीय सफलता: 10 से अधिक राज्यों में खोजी गई बालिकाएँ

मध्यप्रदेश पुलिस ने राजस्थान, उत्तरप्रदेश, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, बिहार, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश/तेलंगाना आदि राज्यों में भी सफल खोज अभियान चलाए।

दृढ़ता और साहस के उदाहरण:

सीधी (मझौली थाना): महीनों से लापता किशोरी को भारत–नेपाल बॉर्डर से सुरक्षित दस्तयाब किया।
गुना (राघौगढ़ थाना): तकनीकी विश्लेषण और समन्वय से 1000 किलोमीटर दूर जैसलमेर (पाक सीमा के निकट) से अपहृत किशोरी को बचाया।

त्वरित एवं संवेदनशील कार्यवाही

पुलिस ने कई मामलों में कुछ घंटों में ही बालिकाओं को खोज निकाला, देवास, सीहोर, अशोकनगर: 6 घंटे में, शिवपुरी: 12–24 घंटे में.

जटिल मामलों का समाधान, लंबे समय से लापता बालिकाएँ मिलीं

मध्यप्रदेश पुलिस ने वर्षों पुराने मामलों में भी सफलता पाई, विदिशा: 13 वर्ष बाद, झाबुआ: 9 वर्ष बाद, गुना: 12 वर्ष बाद, नीमच: 17 वर्ष बाद, यह उपलब्धियाँ पुलिस की प्रतिबद्धता और मानवीय संवेदनशीलता को उजागर करती हैं।


निष्कर्ष: मध्यप्रदेश पुलिस की संवेदनशील, संगठित और प्रभावी पहल

मुस्कान विशेष अभियान ने यह सिद्ध कर दिया कि राज्य पुलिस नाबालिगों की सुरक्षा, महिलाओं के सम्मान, समाज में सकारात्मक और सुरक्षित वातावरण के प्रति पूर्णतः समर्पित है। 1,903 से अधिक बालिकाओं की सुरक्षित वापसी और लाखों बच्चों में जागरूकता ने इस अभियान को वास्तविक अर्थों में सफल और प्रभावी बना दिया है।

Exit mobile version