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सहकारिता दिवस पर बड़ा सवाल, अब भी वंचित क्यों हैं कुछ संस्थाएँ?

सातवां वेतनमान लागू करने की माँग पर सेमी गवर्नमेंट एम्प्लाइज फेडरेशन का आह्वान

भोपाल।।सहकारिता दिवस के अवसर पर सेमी गवर्नमेंट एम्प्लाइज फेडरेशन के संयोजक एवं संस्थापक अनिल बाजपेई तथा अर्द्ध शासकीय अधिकारी-कर्मचारी सार्वजनिक उपक्रम संघ के प्रांताध्यक्ष अरुण वर्मा ने सहकारी कर्मचारियों के हितों को लेकर महत्वपूर्ण बयान जारी किया है।।दोनों नेताओं ने कहा कि जहाँ अधिकांश निगम, मंडल और सहकारी संस्थाओं में सातवां वेतनमान लागू कर दिया गया है, वहीं कुछ सहकारी संस्थाएँ अब भी इसके लाभ से वंचित हैं, जो कि किसी भी दृष्टि से अन्यायपूर्ण और असंगत है।
दस वर्षों से जारी भेदभाव पर नाराजगी

नेताओं ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से कुछ संस्थाओं के कर्मचारी सातवां वेतनमान न मिलने से आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी का नारा ‘सबका साथ, सबका विकास’ तभी सार्थक होगा जब एक ही राज्य में समान कार्य करने वाले कर्मचारियों को समान वेतनमान का लाभ दिया जाए। वर्तमान स्थिति कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ के समान है। कर्मचारियों ने यह भी कहा कि वे अब और वेतन असमानता और प्रशासनिक भेदभाव बर्दाश्त नहीं करेंगे।

सहकारिता मंत्री से हस्तक्षेप की अपील

अनिल बाजपेई और अरुण वर्मा ने सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग से आग्रह किया है कि सहकारिता दिवस के अवसर पर एक सकारात्मक घोषणा की जाए, जिससे सातवें वेतनमान से वंचित सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों को भी राहत मिल सके।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही निर्णय नहीं लिया गया, तो कर्मचारी धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करने को विवश होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सहकारी प्रबंधन पर होगी।

कर्मचारियों की अपेक्षा, समान वेतन, समान सम्मान

कर्मचारियों का कहना है कि वे राज्य के विकास में बराबर योगदान दे रहे हैं, ऐसे में उन्हें भी समान आर्थिक और प्रशासनिक अधिकार मिलना चाहिए। सहकारी संस्थाओं में सातवां वेतनमान लागू करने की माँग न केवल उनका अधिकार है, बल्कि यह राज्य सरकार की नीतिगत समानता और न्याय की भावना की कसौटी भी है।

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