उज्जैन में बड़ा मेडिकल लापरवाही कांड: देशमुख अस्पताल पर गंभीर आरोप, 34 वर्षीय अंजलि यादव की संदिग्ध मौत से हड़कंप

उज्जैन। शहर के चर्चित देशमुख अस्पताल में गंभीर मेडिकल नेग्लिजेंस का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 34 वर्षीय अंजलि यादव की मौत के बाद परिजन अस्पताल प्रबंधन और इलाज कर रहीं डॉ. स्नेहल देशमुख पर बड़े आरोप लगा रहे हैं। परिवार का कहना है कि डॉक्टर ने बिना उचित जांच किए गलत इंजेक्शन लगाया, जिसके चलते पहले गर्भस्थ शिशु की मौत हुई और फिर अंजलि की हालत बिगड़ती चली गई। बाद में 13 नवंबर को उनकी भी मौत हो गई। घटना ने उज्जैन की स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

मामला 7 अक्टूबर 2025 का है। परिजन 34 वर्षीय अंजलि यादव को तबीयत खराब होने पर उज्जैन स्थित देशमुख अस्पताल लेकर पहुंचे। जांच के दौरान चौंकाने वाली बात सामने आई कि गर्भ में पल रहे बच्चे की पहले ही मौत हो चुकी थी। अगले दिन 8 अक्टूबर की सुबह, डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर मृत शिशु को गर्भ से बाहर निकाला। इसके बाद 3–4 दिन उपचार के बाद अंजलि को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

घर लौटने के बाद बिगड़ी हालत

परिजनों के अनुसार घर पहुंचने के बाद अंजलि की तबीयत अचानक खराब होने लगी। उन्हें घबराहट, बेचैनी, सांस फूलना, कमजोरी जैसी समस्याएँ होने लगीं। परिवार का दावा है कि उन्होंने कई बार अस्पताल से संपर्क किया, लेकिन डॉक्टर ने न उन्हें वापस बुलाया और न ही कोई उचित सलाह दी। हालत बिगड़ती गई और अंततः 13 नवंबर को अंजलि की मौत हो गई।

गलत महीने में इंजेक्शन लगाने का गंभीर आरोप

अंजलि के पति ने महत्वपूर्ण दावा करते हुए कहा कि जो इंजेक्शन 7वें महीने में लगाया जाना चाहिए था, अस्पताल ने वही इंजेक्शन 9वें महीने में लगा दिया। परिवार के पास इंजेक्शन की फोटो भी मौजूद है, जिसे गलत समय पर दी गई दवा का प्रमाण बताया जा रहा है। परिजन का कहना है कि गलत इंजेक्शन और पोस्ट-ऑपरेटिव लापरवाही से अंजलि की हालत और बिगड़ गई, लेकिन डॉक्टर ने उसकी गंभीरता को नजरअंदाज कर दिया।

पति का वीडियो बयान आया सामने

इस मामले में अब अंजलि के पति का वीडियो बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया कि डॉक्टर ने गलत इंजेक्शन लगाया, बिना जांच इलाज किया, ऑपरेशन के बाद उचित मॉनिटरिंग नहीं की, अंजलि को जल्दबाज़ी में डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर की इस लापरवाही ने उनकी पत्नी और अजन्मे बच्चे—दोनों की जान ले ली।

परिवार के आरोप

परिजन ने डॉक्टर पर निम्न आरोप लगाए, बिना जांच गलत इंजेक्शन लगाया गया, ऑपरेशन के बाद मॉनिटरिंग में लापरवाही, समय पर सही इलाज व सलाह नहीं दी गई। लापरवाही के कारण दो जानें गईं । परिवार का कहना है कि यह सिर्फ मेडिकल नेग्लिजेंस नहीं, बल्कि गंभीर चिकित्सीय चूक का मामला है।

वर्तमान स्थिति

अंजलि की मौत के बाद परिवार अब अस्पताल और डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है। परिजनों का कहना है कि वे न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे। दूसरी ओर, अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर स्नेहल देशमुख की ओर से अब तक कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

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