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तेलंगाना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्गों को 42% आरक्षण रद्द

हैदराबाद: तेलंगाना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 42% आरक्षण देने के निर्णय को रद्द कर दिया है। अदालत ने कहा कि जातिगत आरक्षण 50% की संवैधानिक सीमा से अधिक नहीं हो सकता, इसलिए सरकार का यह निर्णय असंवैधानिक माना गया।

फैसले के तुरंत बाद राज्य में राजनीतिक उबाल देखने को मिला। पिछड़ा वर्ग के कई नेताओं और समर्थकों ने फैसले का विरोध करते हुए प्रदर्शन और बंद का ऐलान किया। राज्य के विभिन्न हिस्सों में पेट्रोल पंपों में तोड़फोड़, दुकानों को जबरन बंद कराया गया और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन देखा गया।

विशेषज्ञों के अनुसार यह निर्णय राज्य के आरक्षण नीति और स्थानीय निकाय चुनावों पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है। अदालत ने सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में किसी भी आरक्षण की घोषणा करते समय 50% की सीमा का पालन अनिवार्य होगा।

राज्य प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन को काबू में करने के लिए सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इस फैसले के बाद राजनीतिक दलों और समाजिक संगठनों के बीच आरक्षण और चुनाव प्रक्रिया पर नई बहस शुरू हो गई है।

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