संविदा नीति में संशोधन की 10 प्रमुख मांगें
भोपाल। मध्यप्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत लाखों संविदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ने की घोषणा कर दी है। म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने बताया कि 20 नवंबर 2025 को पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर ‘घंटी, थाली, चम्मच, लोटा बजाओ, सरकार जगाओ आंदोलन किया जाएगा।
भोपाल में यह विरोध दोपहर 1:30 बजे राज्य शिक्षा केन्द्र के सामने होगा।
महासंघ का कहना है कि 22 जुलाई 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बनाई गई संविदा नीति में गंभीर विसंगतियाँ हैं, जिनसे संविदा कर्मचारियों को लाभ की बजाय नुकसान हो रहा है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने आरोप लगाया कि 4 जुलाई को तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को भी आदेशों में सही ढंग से शामिल नहीं किया गया।
संविदा कर्मचारियों की 10 प्रमुख मांगें
1. नियमित भर्ती में 50% आरक्षण स्पष्ट रूप से संविदा कर्मियों के लिए तय हो—किसी प्रकार की शर्त, ‘किन्तु-परन्तु’ या फेश अभ्यर्थियों को स्थान देने जैसी व्यवस्था समाप्त की जाए।
2. वरिष्ठता आधारित वेतन निर्धारण—25–30 वर्ष से कार्यरत संविदा कर्मचारियों का वेतन नए कर्मचारियों के बराबर रखना अन्याय है; इन्क्रीमेंट, समयमान, क्रमोन्नति के साथ वेतन तय किया जाए।
3. महंगाई भत्ता सातवें वेतनमान के अनुसार दिया जाए, CPI इंडेक्स नहीं; वर्ष में दो बार नियमित कर्मचारियों की तरह इन्क्रीमेंट लागू किया जाए।
4. सातवें वेतन निर्धारण में की गई ग्रेड पे कटौती वापस ली जाए, डाटा एंट्री ऑपरेटर, परियोजना समन्वयक, लेखापाल, स्टेनो, MIS कोर्डिनेटर आदि के वेतनमान सुधारें।
5. चतुर्थ श्रेणी संविदा कर्मियों (भृत्य, चौकीदार, रसोईया, वाहन चालक) का विभागों में सीधा संविलयन कर नियमितीकरण किया जाए।
6. संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारियों जैसे सभी अवकाश, अर्जित अवकाश, चिकित्सा अवकाश, चाइल्ड केयर लीव, 7 दिन विशेष अवकाश बहाल किए जाएँ।
7. संविदा कर्मचारियों को शासकीय आवास, HRA, वाहन भत्ता और अन्य समस्त सुविधाएँ नियमित कर्मचारियों के समान प्रदान हों।
8. सेवा के दौरान मृत्यु पर परिवार को एक्स-ग्रेशिया भुगतान दिया जाए।
9. सेवानिवृत्ति या मृत्यु (नीति से पहले) वाले संविदा कर्मियों के परिवारों को ग्रेच्युटी व अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
10. परियोजनाएँ बंद होने पर निकाले गए संविदा कर्मियों को अन्य योजनाओं/विभागों में समायोजित किया जाए।
महासंघ ने चेताया कि यदि सरकार ने संविदा नीति में संशोधन नहीं किया, तो आंदोलन और व्यापक किया जाएगा। 20 नवंबर का यह जन आंदोलन प्रदेश में संविदा कर्मचारियों की सबसे बड़ी एकजुटता का स्वरूप ले सकता है।
म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ की बड़ी घोषणा: 20 नवंबर को होगा ‘घंटी बजाओ–सरकार जगाओ’ जन आंदोलन
