
संरक्षण और दोहरे मापदंडों पर उठे सवाल
सांचौर (राजस्थान)। सांचौर स्थित कौशल इंटरनेशनल होटल पर पुलिस ने आईजी के स्पष्ट निर्देशन में बड़ी कार्रवाई करते हुए सनसनी फैला दी। इस कार्रवाई में 17 युवतियों को गिरफ्तार किया गया है। मामला सामने आते ही पूरे राजस्थान में एक बार फिर सांचौर की छवि पर सवाल खड़े हो गए हैं।सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि ऐसे कार्यों में शामिल होने में शर्म नहीं, तो कार्रवाई के बाद चेहरा ढँकने का यह दिखावटी संस्कार क्यों? और यदि अपराध हुआ है, तो केवल युवतियाँ ही आरोपी क्यों?
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि यह होटल केवल एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान नहीं, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण का परिणाम है। चर्चा है कि यह होटल जालौर के जिला प्रभारी मंत्री, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (SP) और सांचौर के एक पूर्व विधायक की कथित पार्टनरशिप में संचालित बताया जा रहा है। हालांकि, इस संबंध में आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन युवकों की गिरफ्तारी न होना कई संदेह पैदा करता है।कार्रवाई के बाद यह सवाल और गहरा हो गया है कि क्या कानून केवल कमजोरों पर लागू होता है? क्या प्रभावशाली लोगों के करीबी होने से आरोपी बच निकलते हैं?
हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई ने यह भी संदेश दिया है कि कानून से बड़ा कोई नहीं, लेकिन आधी कार्रवाई कानून की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लगा देती है। यदि अपराध हुआ है, तो सभी दोषियों पर समान रूप से कार्रवाई होनी चाहिए—चाहे वे ग्राहक हों, संचालक हों या रसूखदार साझेदार।
सांचौर पहले भी कई विवादों के कारण पूरे राजस्थान को असहज कर चुका है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि केवल छापे नहीं, बल्कि निष्पक्ष और निर्भीक जांच ही असली न्याय है। अब देखना यह है कि क्या जांच होटल के असली संचालकों और संरक्षण देने वालों तक पहुँचेगी या फिर यह मामला भी चुनिंदा गिरफ्तारियों तक ही सीमित रह जाएगा।





