
ऑपरेशन विलेप के तहत वन्यजीव तस्करी की कोशिश नाकाम, बाजार कीमत 24 लाख रुपये
गयाजी (बिहार) । बिहार के गयाजी में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने वन्यजीव तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल करते हुए 48 जीवित कछुओं की तस्करी को नाकाम कर दिया है। यह कार्रवाई RPF द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान ऑपरेशन विलेप के तहत की गई। बरामद सभी कछुओं को सुरक्षित रूप से वन विभाग को सौंप दिया गया है।
दून एक्सप्रेस के कोच से मिली बड़ी खेप
RPF की टीम गश्त के दौरान रात करीब 22:25 बजे प्लेटफॉर्म संख्या-02 पर खड़ी गाड़ी संख्या 13010 डाउन दून एक्सप्रेस की जांच कर रही थी। इस दौरान कोच S-7 में रखे दो प्लास्टिक के बोरे (एक सफेद और एक पीले रंग का) संदिग्ध अवस्था में पाए गए। जब इन बोरों को खोला गया तो उनमें कुल 48 जीवित कछुए बरामद हुए।
वन विभाग को सौंपे गए कछुए
बरामद सभी कछुओं को बोरे सहित RPF पोस्ट गया लाया गया और तत्काल इसकी सूचना गयाजी वन विभाग को दी गई। इसके बाद रेंज अधिकारी आरती कुमारी को सभी 48 जीवित कछुए सुरक्षित हालत में सौंप दिए गए। वन विभाग के अनुसार, इन कछुओं की अनुमानित अंतरराष्ट्रीय बाजार कीमत करीब 24 लाख रुपये आंकी गई है।
पहले भी हो चुकी हैं बड़ी बरामदगियां
गौरतलब है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। बीते दिनों नेताजी एक्सप्रेस और देहरादून एक्सप्रेस से भी कुल 178 जीवित कछुए बरामद किए गए थे। वहीं, गयाजी से पहले झारखंड के साहेबगंज में RPF ने नई दिल्ली–फरक्का एक्सप्रेस से 1000 से अधिक जीवित कछुए पकड़े थे। उस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार भी किया गया था।
वाराणसी से बंगाल तक फैला तस्करी नेटवर्क
पूछताछ में सामने आया कि ये कछुए वाराणसी (बनारस) से लाए जा रहे थे और इन्हें पश्चिम बंगाल में सप्लाई किया जाना था। यह खुलासा वन्यजीव तस्करी के एक संगठित नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
RPF की सख्ती से तस्करों में हड़कंप
लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से साफ है कि RPF वन्यजीव तस्करी के खिलाफ पूरी तरह सतर्क है। ‘ऑपरेशन विलेप’ के तहत रेलवे मार्गों से हो रही अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, जिससे तस्करों में हड़कंप मचा हुआ है।



