सतना । मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन किसी न किसी जिले से रिश्वतखोर अधिकारी या कर्मचारी के पकड़े जाने की खबर सामने आ रही है। इसके बावजूद सरकारी तंत्र में बैठे कुछ अधिकारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला सतना जिले का है, जहां रीवा लोकायुक्त की टीम ने नायब तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया।
रीवा लोकायुक्त की टीम ने गुरुवार को सतना जिले की रामपुर बाघेलान तहसील में बड़ी कार्रवाई करते हुए नायब तहसीलदार वीरेन्द्र सिंह जायसूर को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई तहसील कार्यालय परिसर में की गई, जहां आरोपी नायब तहसीलदार फरियादी से खुलेआम रिश्वत ले रहा था।
लोकायुक्त से प्राप्त जानकारी के अनुसार, खैरा गांव के निवासी आशुतोष सिंह ने 15 दिसंबर को लोकायुक्त कार्यालय रीवा में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि नायब तहसीलदार वीरेन्द्र सिंह जायसूर उनसे राजस्व से जुड़े एक कार्य के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा है। शिकायत की जांच के बाद लोकायुक्त टीम ने योजना बनाकर ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया।
गुरुवार को जैसे ही फरियादी आशुतोष सिंह ने तय रकम 10 हजार रुपये नायब तहसीलदार को सौंपी, पहले से तैनात लोकायुक्त टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। आरोपी के हाथ धुलवाने पर केमिकल रिएक्शन भी पॉजिटिव पाया गया, जिससे रिश्वत लेने की पुष्टि हुई।
आगे की कार्रवाई:
लोकायुक्त टीम ने आरोपी नायब तहसीलदार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। इस कार्रवाई से एक बार फिर यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार और जांच एजेंसियां सख्त रुख अपनाए हुए हैं।
लगातार हो रही लोकायुक्त की कार्रवाइयों के बावजूद रिश्वतखोरी की घटनाएं सामने आना प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। आम जनता को राहत तभी मिलेगी, जब भ्रष्ट अधिकारियों पर ऐसी ही सख्त और निरंतर कार्रवाई होती रहेगी।
सतना में लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: नायब तहसीलदार 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार
