भोपाल के सवारी डिब्बा पुनर्निर्माण कारख़ाने को CII का ग्रीन प्लेटिनम अवार्ड, भारतीय रेल का 6वां कारख़ाना बना

पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा बचत और कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए मिला सर्वोच्च सम्मान
भोपाल। सवारी डिब्बा पुनर्निर्माण कारख़ाना, भोपाल ने पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा कारख़ाने को ग्रीन प्लेटिनम अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह CII ग्रीन सर्टिफिकेशन की सर्वोच्च रेटिंग है। इसके साथ ही यह कारख़ाना भारतीय रेल का छठवां और पश्चिम मध्य रेलवे का एकमात्र कारख़ाना बन गया है जिसे यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ है।
CII टीम के निरीक्षण के बाद मिली प्लेटिनम रेटिंग
विगत दिनों CII की विशेषज्ञ टीम द्वारा कारख़ाने का विस्तृत निरीक्षण किया गया। पर्यावरण अनुकूल संचालन, कचरे का वैज्ञानिक निष्पादन, विद्युत एवं गैसीय ऊर्जा की खपत में कमी, कोच निर्माण में प्रयुक्त सामग्री का उचित प्रबंधन तथा कार्बन उत्सर्जन में प्रभावी कटौती जैसे सभी मापदंडों पर खरा उतरने के बाद कारख़ाने को प्लेटिनम अवार्ड देने की अनुशंसा की गई।
मुख्य कारख़ाना प्रबंधक ने दी टीम को बधाई
मुख्य कारख़ाना प्रबंधक श्री प्रफुल्ल वी. कोहाड़े ने इस सर्वोच्च उपलब्धि पर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके अथक प्रयासों और उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की निरंतर मेहनत, अनुशासन और बेहतर रखरखाव के कारण ही यह सम्मान प्राप्त हो सका है।
एक वर्ष में उठाए गए प्रमुख पर्यावरणीय कदम
पिछले एक वर्ष में सवारी डिब्बा पुनर्निर्माण कारख़ाना भोपाल द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई ठोस कदम उठाए गए हैं—
1. सौर ऊर्जा संयंत्र:
कारख़ाने में 711.25 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है, जिससे बिजली खपत में लगभग 37 प्रतिशत की कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप करीब 34 लाख रुपये की वार्षिक बचत संभव हो रही है।
2. वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting):
कारख़ाने के 5 भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कर भूमिगत जल रिचार्ज किया जा रहा है। इससे प्रतिवर्ष लगभग 29 लाख लीटर वर्षा जल का संरक्षण किया जा रहा है।
3. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP):
5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है, जिसमें टर्शरी एवं ओज़ोन ट्रीटमेंट की सुविधा है। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 3.5 लाख लीटर पानी का शोधन कर उसे गार्डन, बायोटैंक और कोच वॉशिंग में उपयोग किया जा रहा है। इससे इन कार्यों में फ्रेश वाटर का उपयोग शून्य हो गया है।
4. हरित क्षेत्र का विस्तार:
पिछले दो वर्षों में परिसर में लगभग 1000 पौधों का रोपण किया गया है। 400 एकड़ में फैले इस कारख़ाने का 41 प्रतिशत क्षेत्र ग्रीन बिल्ट एरिया के रूप में विकसित है।
गुणवत्ता और सुरक्षा में भी अग्रणी
सवारी डिब्बा पुनर्निर्माण कारख़ाना पहले से ही गुणवत्ता एवं पर्यावरण प्रबंधन से जुड़े विभिन्न ISO प्रबंधन प्रणालियों से प्रमाणित है। इसी वर्ष मध्यप्रदेश औद्योगिक सुरक्षा परिषद द्वारा कारख़ाने को डायमंड प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया है।
भारतीय रेल के लिए महत्वपूर्ण भूमिका
मुख्य कारख़ाना प्रबंधक श्री कोहाड़े ने बताया कि यह कारख़ाना भारतीय रेल में गुणवत्ता के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। वर्तमान में यहां ICF एवं LHB कोचों का आवधिक रिपेयर, कोचों का भारतीय रेल की आवश्यकता अनुसार परिवर्तन, MEMU रैक का अनुरक्षण किया जा रहा है। निकट भविष्य में यहां LHB कोच का मिड लाइफ रिहैबिलिटेशन एवं वंदे भारत ट्रेनों का अनुरक्षण भी शुरू किया जाएगा।



