
भोपाल। राजधानी भोपाल को झुग्गी मुक्त बनाने के उद्देश्य से कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में झुग्गियों में रहने वाले निवासियों के लिए पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत पक्के मकान उपलब्ध कराने और शहर को सुव्यवस्थित करने के लिए विस्तृत योजनाओं पर चर्चा हुई।
सर्वेक्षण और झुग्गियों का चिन्हांकन
नगर निगम भोपाल ने झुग्गियों के सर्वेक्षण और चिन्हांकन के लिए जिले को 9 क्लस्टरों में विभाजित किया है।
प्रथम चरण में वल्लभ भवन के आसपास की झुग्गियों का सर्वेक्षण कार्य पूरा किया गया।
अन्य क्लस्टरों में सर्वेक्षण और सोशल प्रोफाइलिंग का काम तेजी से जारी है।
सोशल प्रोफाइलिंग से यह सुनिश्चित होगा कि निवासियों को आवास के साथ उनकी आजीविका के साधन भी मिलें।
आवासीय परियोजनाएं और रिडेंसीफिकेशन नीति
पीपीपी मॉडल के तहत झुग्गी निवासियों को पक्के मकान देने के साथ अन्य विकास कार्य भी किए जाएंगे।
आवासीय परियोजनाओं में मॉल, कमर्शियल कॉम्पलेक्स, और पार्किंग स्पेस शामिल होंगे।
सामुदायिक सुविधाओं के लिए कम्युनिटी हॉल और दुकानों का निर्माण किया जाएगा।
पहले चरण की तैयारी
प्रारंभिक चरण में 17-18 एकड़ भूमि पर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट), प्लानिंग पॉलिसी, और टेंडर की शर्तों को एक सप्ताह के भीतर अंतिम रूप देने के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर के निर्देश
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सभी संबंधित अधिकारियों को झुग्गी मुक्त भोपाल के लिए तेजी से काम करने के निर्देश दिए।
नगर निगम को एक सप्ताह के भीतर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया।
एसडीएम को विस्तृत योजना तैयार कर प्राथमिकता के आधार पर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में नगर निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायण, सभी एसडीएम, नगरीय प्रशासन के इंजीनियर, और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
भोपाल झुग्गी मुक्त अभियान का महत्व
इस योजना का उद्देश्य न केवल झुग्गियों को खत्म करना है, बल्कि नागरिकों को सुरक्षित और सम्मानजनक आवास प्रदान करना है। इसके साथ ही, शहर की आर्थिक और सामाजिक संरचना को मजबूत करना भी इस परियोजना का लक्ष्य है।