भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल: एस. बी. दिव्या को 2025 का प्रतिष्ठित सुशीला देवी पुरस्कार, उपन्यास ‘लोका’ के लिए चयन

भोपाल के साहित्यिक परिदृश्य के लिए यह एक महत्वपूर्ण और गौरवपूर्ण घोषणा है। श्री रतनलाल फाउंडेशन ने वर्ष 2025 के प्रतिष्ठित सुशीला देवी पुरस्कार के लिए भारतीय–अमेरिकी लेखिका एस. बी. दिव्या के नाम की घोषणा की है। उन्हें यह सम्मान वर्ष 2024 में महिला लेखिका द्वारा लिखी गई सर्वश्रेष्ठ कथा-पुस्तक की श्रेणी में, हैशेट इंडिया से प्रकाशित उनके चर्चित उपन्यास ‘लोका’ के लिए प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल 2026 के दौरान प्रदान किया जाएगा।

स्पेकुलेटिव फिक्शन में ‘लोका’ की विशिष्ट पहचान

विशिष्ट जूरी ने सर्वसम्मति से ‘लोका’ को स्पेकुलेटिव फिक्शन विधा में साहित्यिक उत्कृष्टता, मौलिकता और दार्शनिक गहराई के लिए चुना है। उपन्यास एक तकनीक-प्रधान उत्तर-मानवी समाज की कल्पना करता है, जहां मानव प्रजाति नए रूपों में विकसित हो चुकी है और ‘एलॉयज़’ का वर्चस्व है। इसके बावजूद, प्रेम, मित्रता, करुणा और सहानुभूति जैसे मानवीय मूल्य कथा के केंद्र में बने रहते हैं। जूरी के अनुसार ‘लोका’ को ‘पृथ्वी’ के एक वैकल्पिक रूप के तौर पर प्रस्तुत किया गया है, जिसमें अनेक अनजानी परतें हैं, फिर भी यह संसार पाठकों को अत्यंत यथार्थपरक और विश्वसनीय प्रतीत होता है। तकनीक-चालित दुनिया के भीतर चेतना, दर्शन और मानवीय संवेदनाओं के रूपांतरण को लेखिका ने प्रभावशाली ढंग से चित्रित किया है।
एस. बी. दिव्या: वैश्विक साहित्य की सशक्त आवाज

भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल के डायरेक्टर राघव चंद्रा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि एस. बी. दिव्या एक पुरस्कार-विजेता भारतीय–अमेरिकी लेखिका हैं, जो स्पेकुलेटिव और विज्ञान कथा साहित्य में अपने विशिष्ट लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनके लेखन में तकनीक, पहचान, नैतिकता और उत्तर-मानवी भविष्य जैसे विषय गहरी दार्शनिक दृष्टि के साथ उभरते हैं। उनकी प्रमुख कृतियों में ‘मशीनहुड’, ‘मेरु’ और अब ‘लोका’ शामिल हैं। उन्हें प्रतिष्ठित नेब्युला पुरस्कार सहित कई अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है और उन्हें समकालीन वैश्विक स्पेकुलेटिव फिक्शन की एक महत्वपूर्ण आवाज माना जाता है।

सुशीला देवी पुरस्कार: महिला लेखन को सशक्त मंच

श्री रतनलाल फाउंडेशन द्वारा स्थापित सुशीला देवी पुरस्कार साहित्यिक उत्कृष्टता का एक सशक्त मानक बन चुका है। सातवें वर्ष में प्रवेश कर चुका यह पुरस्कार विशेष रूप से महिला लेखिकाओं की कथा-रचनाओं को प्रोत्साहित करने और उन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के उद्देश्य से प्रदान किया जाता है।

पूर्व में यह पुरस्कार 2024 में मंजुला पद्मनाभन (‘टैक्सी’), 2023 में जेनिस पैरियट (‘एवरीथिंग द लाइट टचेज़’) l, 2022 में अनुराधा रॉय (‘द अर्थस्पिनर’), 2021 में अनुक्रति उपाध्याय (‘किंत्सुगी’), 2020 में शुभांगी स्वरूप (‘लैटिट्यूड्स ऑफ लॉन्गिंग’), 2019 में नमिता गोखले (‘थिंग्स टू लीव बिहाइंड’) को प्रदान किया जा चुका है।


भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल 2026 में होगा सम्मान

उल्लेखनीय है कि सुशीला देवी पुरस्कार समारोह भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल 2026 के दौरान 9 से 11 जनवरी 2026 तक आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन महिला लेखिकाओं की रचनात्मक उपलब्धियों और कथा-साहित्य में उत्कृष्टता का उत्सव बनेगा।

Exit mobile version