भोपाल। संभागायुक्त संजीव सिंह ने गुरुवार को रायसेन जिले के गैरतगंज कृषि उपज मंडी में किसानों से संवाद करते हुए भावांतर योजना के महत्व और पंजीयन की अनिवार्यता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी सोयाबीन फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करना है और कोई भी पात्र किसान इससे वंचित न रहे।
पंजीयन और योजना का विवरण
कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि जिले में अब तक 7200 से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है, जिनका रकबा 20,202 हेक्टेयर है। संभागायुक्त की उपस्थिति में किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के पीछे रेडियम पट्टी लगाई, ताकि रात में दुर्घटना की संभावना कम हो।
कृषि अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने किसानों को निर्देश दिया कि जिन सोयाबीन उत्पादक किसानों ने अभी तक पंजीयन नहीं कराया है, वे 17 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से पंजीयन कराएँ। योजना के तहत किसान 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक मंडी में फसल बेच सकेंगे, और भावांतर राशि 15 दिनों में उनके आधार लिंक बैंक खातों में सीधे अंतरित की जाएगी।
कृषि तकनीक और पराली प्रबंधन पर मार्गदर्शन
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सरसों की खेती अपनाने और फसल अवशेष व पराली के उचित प्रबंधन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। किसानों को हेप्पी सीडर, सुपर सीडर जैसे उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग करने और शासन द्वारा मिलने वाले अनुदान का लाभ लेने की सलाह दी गई।
संभागायुक्त श्री सिंह ने उर्वरकों के संतुलित उपयोग पर चर्चा करते हुए डीएपी की जगह एनपीके उपयोग करने की सलाह दी, जिससे मिट्टी में पोटाश भी उपलब्ध हो।
नवाचार और भविष्य की दिशा
किसानों ने इस बार अश्वगंधा की खेती की शुरुआत की है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि जिले में अश्वगंधा का विक्रय बाजार उपलब्ध हो, तो अन्य किसान भी इस फसल की ओर प्रेरित होंगे।
भोपाल संभागायुक्त ने किसानों से भावांतर योजना के लिए पंजीयन कराने की अपील की
