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भोपाल: साइबर अपराधियों की अब खैर नहीं, राज्य स्तरीय साइबर फोरेंसिक लैब की होगी शुरुआत

भोपाल, । मध्यप्रदेश में साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश में साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई और अधिक सटीक, तेज़ और वैज्ञानिक ढंग से होगी। इसके तहत राज्य स्तरीय साइबर फोरेंसिक लैब की स्थापना की जा रही है, जो भोपाल स्थित साइबर पुलिस मुख्यालय परिसर में प्रारंभ होगी।

लैब की स्थापना से साइबर अपराधों की गहराई से जांच, डिजिटल सबूतों की वैज्ञानिक पड़ताल और आरोपियों की त्वरित पहचान संभव हो सकेगी।

साइबर फोरेंसिक लैब से क्या होंगे लाभ?

डिजिटल साक्ष्यों की गहराई से जांच
ठगी, हैकिंग, फर्जीवाड़ा और डेटा चोरी जैसे मामलों का तेजी से खुलासा
बैंक फ्रॉड, OTP हैकिंग और फेक लिंक से होने वाले अपराधों की सटीक जांच
ऑनलाइन स्कैम और सोशल मीडिया के जरिए होने वाले अपराधों पर लगाम
मामलों की न्यायिक स्वीकार्यता के लिए वैज्ञानिक रिपोर्ट तैयार करना

साइबर एक्सपर्ट्स की होगी नियुक्ति

इस अत्याधुनिक लैब में विशेष साइबर विशेषज्ञों की टीम कार्यरत रहेगी। पद स्वीकृत होने के बाद इन विशेषज्ञों की अलग से भर्ती की जाएगी। इससे जांच को तकनीकी मजबूती मिलेगी और परंपरागत पुलिस जांच से हटकर आधुनिक तरीके अपनाए जाएंगे।

प्रदेश के 10 बड़े जिलों में भी होंगी साइबर लैब्स

राज्य स्तरीय लैब के साथ-साथ मध्यप्रदेश के 10 प्रमुख जिलों में भी साइबर फोरेंसिक लैब्स शुरू की जाएंगी। इससे जिले स्तर पर भी साइबर मामलों की त्वरित जांच और कार्रवाई संभव होगी।

साइबर ठगों पर कसेगा शिकंजा

प्रदेश में रोजाना बढ़ते साइबर धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है। अब नागरिकों को फर्जी कॉल, लिंक, UPI फ्रॉड, क्रिप्टो ठगी और फेक वेबसाइट्स से होने वाले नुकसान से प्रभावी सुरक्षा मिल सकेगी।

जनता को भी मिलेगा लाभ

यह नई पहल आम जनता के लिए भी राहत लेकर आएगी। पीड़ित अब साइबर अपराध की जांच में तेजी और न्याय में पारदर्शिता की उम्मीद कर सकते हैं। साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे, जिससे नागरिक खुद को सुरक्षित रख सकें।

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