भोपाल सीआरडब्लूएस ने सात माह में किया 705 कोचों का अनुरक्षण
अक्टूबर में 94 कोचों का पीओएच आउटर्न, रेलवे दक्षता का उत्कृष्ट उदाहरण

भोपाल। पश्चिम मध्य रेलवे के सवारी डिब्बा पुर्ननिर्माण कारखाना (सीआरडब्लूएस) भोपाल ने चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले सात माह (अप्रैल से अक्टूबर 2025) में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। इस अवधि में कारखाने ने कुल 705 सवारी कोचों का पीरियोडिक ओवर हॉलिंग (POH) कर अपनी दक्षता और तकनीकी क्षमता का प्रभावी प्रदर्शन किया है।

अकेले अक्टूबर माह में सीआरडब्लूएस ने 94 कोचों का पीओएच आउटर्न कर रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप सराहनीय प्रदर्शन किया। यह उपलब्धि कारखाने के अधिकारियों, अभियंताओं और कर्मचारियों की समर्पित कार्यशैली, टीम भावना और उच्च गुणवत्ता नियंत्रण का परिणाम है।

वरिष्ठ अधिकारियों की सतत निगरानी और योजनाबद्ध कार्यप्रणाली के अंतर्गत भोपाल कारखाने ने इस अवधि में कई तकनीकी सुधारों और नवाचारों को अपनाया है, जिससे कोचों की परिचालन सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा में वृद्धि हुई है।

पीओएच प्रक्रिया के तहत प्रमुख कार्य:
• कोचों की बॉडी और अंडरफ्रेम की मरम्मत कर अधिकतम परिचालन सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
• ट्रॉली, बोगी और सस्पेंशन पार्ट्स की मरम्मत कर संरचनात्मक स्थिरता बढ़ाई जाती है।
• एयर ब्रेक सिस्टम, बफर और कपलिंग उपकरणों की जाँच व मरम्मत कर यात्रियों को झटका-रहित सफर का अनुभव दिलाया जाता है।
• व्हील, एक्सल और बेयरिंग्स के रखरखाव से कोचों की परिचालन क्षमता को सुदृढ़ किया जाता है।

रेलवे के इस दक्षता प्रदर्शन से स्पष्ट है कि सीआरडब्लूएस भोपाल भारतीय रेल की सुरक्षित, विश्वसनीय और आधुनिक कोचिंग प्रणाली के लक्ष्य की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
यह कारखाना पश्चिम मध्य रेलवे का तकनीकी स्तंभ बनकर देशभर में यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

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