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भोपाल: 17 साल बाद रातापानी सेंचुरी को टाइगर रिजर्व का दर्जा, मप्र का 8वां और देश का 56वां टाइगर रिजर्व बना

भोपाल से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार की मंजूरी के 17 साल बाद, मध्य प्रदेश सरकार ने रातापानी सेंचुरी को टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित कर दिया है। अब यह प्रदेश का 8वां और देश का 56वां टाइगर रिजर्व बन गया है।

भोपाल से महज 15 किमी की दूरी पर

रातापानी टाइगर रिजर्व की सीमा भोपाल शहर से सिर्फ 15 किलोमीटर की दूरी पर शुरू होगी। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों के लिए पहले से ही प्रसिद्ध था। अब इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

कुल क्षेत्रफल और कवर किए गए जिले

रातापानी टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1271.456 वर्ग किलोमीटर होगा। इसमें तीन जिलों का क्षेत्र शामिल है, जिनमें भोपाल जिले का 6.89 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा बफर जोन में आता है।

रातापानी की विशेषताएं

यह क्षेत्र बाघों के लिए अनुकूल प्राकृतिक आवास के रूप में जाना जाता है। टाइगर रिजर्व घोषित होने से यहां बाघ संरक्षण के प्रयासों को और बल मिलेगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों के लिए नए अवसरों का सृजन होगा।

मध्य प्रदेश का टाइगर रिजर्व नेटवर्क

मध्य प्रदेश पहले से ही अपने टाइगर रिजर्व के लिए जाना जाता है। रातापानी के शामिल होने के बाद यह राज्य अब और अधिक महत्वपूर्ण बन गया है, जिसे “टाइगर स्टेट” के नाम से भी पहचाना जाता है।

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