अनूपपुर डीएफओ को निरस्त करना पड़ा कर्मचारी विरोधी आदेश, मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से कर्मचारियों को मिली राहत

भोपाल। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में डीएफओ (वन मंडल अधिकारी) द्वारा जारी किया गया कर्मचारी विरोधी आदेश आखिरकार रद्द कर दिया गया है। यह कदम तब उठाया गया जब मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आदेश को नियमविरुद्ध बताया और इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की। जानकारी के अनुसार डीएफओ अनूपपुर विपिन पटेल ने 4 नवंबर 2025 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें उच्चतर पद के प्रभार पर पदस्थ वन कर्मचारियों को बिना शासनादेश के पदावनत करने का निर्देश दिया गया था। यह आदेश न केवल शासन के निर्धारित नियमों के विपरीत था, बल्कि कर्मचारियों के अधिकारों का भी उल्लंघन कर रहा था।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि यह आदेश पूर्णतः कर्मचारी विरोधी और नियम विरुद्ध था। मंच ने तुरंत इसका विरोध करते हुए मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र सौंपा और आदेश को निरस्त करने की मांग की। मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने संबंधित प्रकरण पर कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप डीएफओ को यह आदेश वापस लेना पड़ा। कर्मचारी मंच ने राज्य सरकार से यह भी मांग की है कि बिना अधिकार और शासनादेश के आदेश प्रसारित करने वाले वन अधिकारी विपिन पटेल के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार के एकतरफा निर्णयों की पुनरावृत्ति न हो।
इस कार्रवाई के बाद वन विभाग के कर्मचारियों में भारी राहत और हर्ष का वातावरण देखा जा रहा है। कर्मचारी संगठन ने मुख्यमंत्री के त्वरित हस्तक्षेप के लिए आभार जताया है और कहा है कि यह निर्णय कर्मचारी हितों की रक्षा की दिशा में एक सकारात्मक उदाहरण साबित होगा।



