
भोपाल में राष्ट्रीय संघर्ष समिति की बैठक, कमांडर अशोक राउत का सरकार पर तीखा प्रहार
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति की अहम बैठक में पेंशनरों की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने और चिकित्सा सुविधा देने की मांग एक बार फिर मुखर होकर सामने आई। बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर श्री अशोक राउत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत मेहनतकशों का देश है, इसे भिखारियों का देश नहीं बनने दिया जाएगा। हम न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये प्लस महंगाई भत्ता (डीए) लेकर ही रहेंगे।
कमांडर राउत ने कहा कि सम्मानजनक पेंशन और मुफ्त चिकित्सा सुविधा हर मेहनतकश मजदूर का अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एक ओर जनकल्याण योजनाओं के नाम पर बिना श्रम किए लाखों करोड़ रुपये वितरित कर रही है, वहीं दूसरी ओर देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले ईपीएस-95 पेंशनधारकों को, वेतन से नियमित कटौती के बावजूद, न तो सम्मानजनक पेंशन दी जा रही है और न ही चिकित्सा सुविधा। यह स्थिति गंभीर अन्याय की श्रेणी में आती है।
उन्होंने बताया कि संगठन पिछले 10 वर्षों से लगातार संघर्ष कर रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री से दो बार मुलाकात, वित्त एवं श्रम मंत्रियों से संवाद, तथा कस्बों से लेकर संसद तक बड़े आंदोलन किए गए हैं। इन संघर्षों के परिणामस्वरूप आश्वासन तो मिले हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि वे जमीन पर लागू हों। उन्होंने दो टूक कहा कि हायर पेंशन के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पूर्ण पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सचिव एवं महिला विंग प्रभारी श्रीमती सरिता नालखेड़े ने महिला पेंशनरों से अपील की कि वे अपने जीवनसाथियों के साथ सभाओं और आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी करें।
मध्यप्रदेश के संयुक्त सचिव श्री प्रवेश मिश्रा ने कहा कि संगठन ने अपनी मांगें सड़क से लेकर संसद और प्रधानमंत्री तक पहुंचाई हैं। आश्वासन मिले हैं, लेकिन अमल अभी बाकी है। उन्होंने पेंशनरों से हर समय बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
बैठक को प्रदेश इंटक उपाध्यक्ष रामराज तिवारी, कर्मचारी नेता अरुण वर्मा, मुख्य समन्वयक आर.ए. धारकर और एम.के. शर्मा ने भी संबोधित किया। सभा में सैकड़ों की संख्या में पेंशनर मौजूद रहे।




