State

मंत्री पद की मर्यादा का अनुकरणीय उदाहरण: नरेंद्र शिवाजी पटेल ने उपहार नहीं, संस्कार बाँटे

Bhopal । मध्यप्रदेश की राजनीति में अक्सर पद, प्रतिष्ठा और उपहारों की चर्चा होती है, लेकिन उदयपुरा विधानसभा से राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने एक ऐसा कदम उठाया है, जो उन्हें भीड़ से अलग खड़ा करता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में वे अपने भाजपा कार्यकर्ताओं को वे सभी उपहार सौंपते नजर आ रहे हैं, जो उन्हें विधायक और मंत्री बनने के बाद सम्मान स्वरूप मिले थे।

वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल बिना किसी दिखावे या मोह के, अपने सम्मान में प्राप्त बहुमूल्य उपहारों को लकी ड्रॉ के माध्यम से कार्यकर्ताओं में बाँट रहे हैं। इन उपहारों में सोने-चाँदी के आभूषण, कीमती स्मारक सिक्के, अष्टधातु की प्रतिमाएँ, महंगे शॉल, चाँदी जड़ित श्रीफल, कलात्मक पेंटिंग्स और प्रतिमाएँ शामिल हैं—ऐसी वस्तुएँ जिन्हें आमतौर पर लोग जीवनभर सहेजकर रखते हैं।

राजनीति में जहाँ उपहारों को निजी संग्रह या तिजोरी की शोभा बनते देखा जाता है, वहीं नरेंद्र शिवाजी पटेल ने इन्हें कार्यकर्ताओं के सम्मान से जोड़कर एक नई परंपरा की शुरुआत की है। उनका यह कदम न केवल निस्वार्थता का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि पद से बड़ा संगठन और कार्यकर्ता होता है।

कार्यकर्ताओं में उत्साह:
इस आयोजन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के चेहरे पर जो खुशी और गर्व नजर आया, वह इस बात का प्रमाण है कि ऐसा सम्मान केवल वस्तुओं से नहीं, बल्कि भावना से जुड़ा होता है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि मंत्री का यह व्यवहार उन्हें और अधिक समर्पण के साथ संगठन के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।

निष्कर्ष:
नरेंद्र शिवाजी पटेल का यह कदम बताता है कि राजनीति अगर सेवा, सादगी और संवेदनशीलता से जुड़ जाए, तो वह समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन सकती है। निश्चित रूप से, इस कार्य के लिए मंत्री की तारीफ बनती है—क्योंकि उन्होंने उपहार नहीं, बल्कि विश्वास और सम्मान बाँटा है।

Related Articles